Low Sperm Count: तनाव से मोटापा तक, इन 5 कारणों से कम होता है स्पर्म काउंट, न करें इग्नोर

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Nov 01, 2023, 07:22 PM IST

तनाव से मोटापा तक, इन 5 कारणों से कम होता है स्पर्म काउंट, न करें इग्नोर 

Low Sperm Count Causes: दुनियाभर में पुरुषों का स्पर्म काउंट तेजी से कम हो रहा हैऔर इसकी सबसे बड़ी वजह ये 5 चीजें हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में...

डीएनए हिंदीः खराब लाइफस्टाइल और खानपान में गड़बड़ी का सीधा असर रीप्रोडक्टिव हेल्थ पर पड़ता है. इसलिए महिलाओं के साथ पुरुषों को भी अपनी लाइफस्टाइल और खानपान का खास ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है. क्योंकि स्पर्म की कमी या अन्य किसी समस्या के कारण भी प्रेग्नेंट होने में समस्या हो सकती है. आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ पुरुष और महिला दोनों की प्रजनन क्षमता (Reproductive capacities) कम होती जाती है. बता दें कि लाइफस्टाइल में शामिल कुछ बुरी आदतों की वजह से स्पर्म काउंट और क्वालिटी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. ऐसे में रोजाना की एक्टिविटी को सुधारकर और लाइफस्टाइल में बदलाव करके फर्टिलिटी रेट को सुधारा जा सकता है. आइए जानते हैं (Testosterone levels)उन आदतों के बारे में, जिससे स्पर्म काउंट और क्वालिटी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है

धूम्रपान-शराब (Smoking and Drinking)

तंबाकू का सेवन करने और स्मोकिंग करने से स्पर्म काउंट और क्वालिटी कम हो जाती है और यह शुक्राणु के डीएनए को भी नुकसान पहुंचाता है. इसके अलावा शराब पीने से टेस्टोस्टेरोन लेवल कम होता है और इस कारण इरेक्टाइल डिसफंक्शन और स्पर्म प्रोडक्शन कम हो सकता है. 

मोटापा (Obesity)

इसके अलावा मोटे पुरुषों में सामान्य बीएमआई कैटेगरी वाले पुरुषों की तुलना में वीर्य की गुणवत्ता कम होती है और मोटे लोगों के शुक्राणुओं के डीएनए अधिक डैमेज होते हैं जो प्रजनन क्षमता पर गलत असर डालते हैं.

तनाव (Stress)

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक स्ट्रेस से टेस्टोस्टेरोन असंतुलन हो जाता है और फिर हार्मोनल बदलाव के कारण पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर गलत असर होता है.

नशीली दवाएं (Drug use)

इसके अलावा जो लोग मसल्स गेन करने के लिए और स्टेमिना बढ़ाने के लिए तरह-तरह की नशीली दवाओं का प्रयोग करते हैं, इससे उनके अंडकोष सिकुड़ सकते हैं और शुक्राणु का उत्पादन कम हो सकता है.  कोकीन या मारिजुआना का उपयोग अस्थायी रूप से आपके शुक्राणुओं की संख्या और क्वालिटी को भी कम करता है.

सुस्त लाइफस्टाइल (Sedentary Lifestyle)

एक्सपर्ट के मुताबिक सुस्त लाइफस्टाइल से शुक्राणु की क्वालिटी, मात्रा और स्टेमिना में कमी देखी जाती है और इससे ओवरऑल फर्टिलिटी कमजोर हो सकती है. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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