डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र के नासिक जिले में आदिवासी समुदाय की कुछ छात्राओं को उनके स्कूल टीचर ने पौधे रोपने से मना कर दिया. छात्राएं मासिक धर्म में थी और उनके हाथ से पौधे लगाने को अपवित्र माना गया था. छात्राओं से कहा गया था कि ृअगर उन्होंने पौधे लगाए, तो वे उगेंगे नहीं और जल जाएंगे. हालांकि, 12वीं विज्ञान की इन छात्राओं ने टीचर की बात को नजरअंदाज करते हुए पौधे रोपे दिए और उनकी तर्क को धता बता दिया.
पीरियड्स का समय कुछ महिलाओं के लिए किसी रोलर कोस्टर राइड से कम नहीं होता. इस दौरान होने वाले असहनीय दर्द के साथ वे तनाव और मूड स्विंग्स को भी झेल रही होती हैं. दुनिया के कई हिस्सों में मासिक धर्म को टैबू समझा जाता है. पीरियड्स के दौरान कुछ महिलाओं को हीन नजरों से देखा जाता है, जबकि ये एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है. जैसे यूरिन और स्टूल पास करना लेकिन इसे लेकर अब भी लोगों के मन में कई भ्रांतियां कायम है. तो चलिए आपको इन मिथ्स के बारे में बताएं ताकि आप दूसरों को भी इससे सजग कर सकें.
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पीरियड से जुड़ी इन भ्रांतियां की जानें सच्चाई
अचार छूने की मनाही: कई जगहों पर ऐसा माना जाता है कि पीरियड के दौरान महिलाएं अशुद्ध हो जाती हैं. ऐसे में उनका अचार छूना वर्जित है. धारणा है कि इस दौरान अगर महिला अचार को छू ले तो वह खराब हो जाता है. हालांकि, यह धारणा पूरी तरह से गलत है और मेडिकल साइंस इस तर्क को बिलकुल निराधार मानता है.
28 दिनों में ही आने चाहिए पीरियड: कुछ लोगों का मानना है कि पीरियड साइकल 28 दिनों का होना चाहिए लेकिन यह पूरी तरह से गलत है. एक्सपर्ट्स की मानें तो हर महिला के लिए पीरियड साइकल अलग-अलग होती है. यह महिला के शारिरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर निर्भर करता है. कई बार ज्यादा स्ट्रेस के चलते भी पीरियड आने में देरी हो जाती है या पीरियड समय से पहले भी आ जाता है.
बाल धुलने से ब्लीडिंग कम: कुछ जगहों पर ये माना जाता है कि पीरियड के दौरान बाल धुलने से ब्लीडिंग कम होती है जबकि एक्सपर्ट्स की मानें तो इसमें कोई सच्चाई नहीं है. ये जरूरी शारीरिक क्रिया है और ये शारीरिक और मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है.
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खट्टा और तीखा खाने से बचना चाहिए: एक्सपर्ट्स की मानें तो पीरियड से खानपान का कोई लेना-देना नहीं है. तमाम महिलाएं मानती हैं कि पीरियड के समय खट्टा, तीखा और मसालेदार डिशेज नहीं खानी चाहिए. क्योंकि इससे दर्द बढ़ सकता है। हालांकि इसमें कोई सच्चाई नहीं है.
नहीं छूने चाहिए पेड़-पौधे: कुछ महिलाओं का मानना है कि पीरियड के दौरान पेड़-पौधे छूने से वे सूख जाते हैं. हालांकि यह धारणा पूरी तरह से गलत है और केवल कोरी अफवाह और भ्रांति है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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