Mosquitoes Disease: इन 11 गंभीर बीमारियों का कारण हैं मच्छर, मलेरिया-डेंगू से येलो फीवर तक में दिखते हैं ऐसे लक्षण

Written By ऋतु सिंह | Updated: Apr 25, 2023, 06:52 AM IST

मच्छर के काटने से होने वाले 11 संक्रामक रोग

मच्छरों का आतंक बढ़ता जा रहा है और आज विश्व मलेरिया दिवस पर आपको ये बताएंगे की मच्छरों के काटने से कौन सी 11 बीमारियां होती हैं और इनके लक्षण क्या है.

डीएनए हिंदीः न्यू साउथ वेल्स (NSWU) हेल्थ पैथोलॉजी की एक रिपोर्ट बताती है की हर साल  पूरी दुनिया में मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारियो से करीब 5 लाख लोगों अपनी जान गंवा देते हैं. आज आपको 11 उन गंभीर इंफेक्शियस बीमारियों के बारे में और उनके लक्षणों के बारे में बताएंगे जो मच्छरों के काटने से होती हैं. 

मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और जापानी इनसाफेलाइटिस तो बेहद कॉमन हैं लेकिन कुछ बीमारियों के बारे में लोग जानते ही नहीं कि ये बीमारियां भी मच्छरों के कारण होती हैं, तो चलिए जान लें इन बीमारियों के बारे में.

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इन बीमारियों का कारण हैं मच्छर

  1. मलेरिया
  2. जैपनीज इनसाफेलाइटिस 
  3. डेंगू
  4. चिकनगुनिया
  5. जीका वायरस
  6. लसीका फाइलेरिया
  7. वेस्ट नेल वायरस
  8. येलो फीवर
  9. रॉस रीवर फीवर
  10. ईस्टर्न इक्वाइन इंसेफेलाइटिस
  11. सेंट लुइस  इंसेफेलाइटिस

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क्या हैं इन बीमारियों के लक्षण?

1-मलेरिया का बुखार ज्यादातर शाम के समय कंपकंपी के साथ उठता है और  किसी अन्य बुखार की तरह ही शुरू होता है. इसमें सिरदर्द, ठंड लगना और उल्टी जैसी समस्याएं होती हैं.

2-डेंगू का बुखार जोड़ों के दर्द के साथ शुरू होता है और कमजोरी आने लगती है. इसमें सिर में तेज दर्द भी होता है और प्लेटलेट्स का कम होना जानलेवा हो जाता है.

3-चिकनगुनिया के लक्षण भी डेंगू की तरह ही होते हैं. इसमें शरीर पर रैशेज, मितली आना और बहुत अधिक थकान लगना शामिल हैं.

4-जापानी बुखार के दौरान व्यक्ति को तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द की समस्या तो होती है. इसमें नजर न आनेवाले घातक लक्षण भी होते हैं, जैसे दिमाग में सूजन और व्यक्ति का कोमा में जाना.

5-जीका वायरस के लक्षण भी डेंगू से काफी मिलते हैं. इस फीवर के दौरान आंखों में समस्या होना (आंख आना) थकान, शरीर तपना, त्वचा पर रैशेज इत्यादि परेशानियां होती हैं.

6-येलो फीवर के दौरान रोगी को पीलिया यानी जॉन्डिस हो जाता है. तेज बुखार, पेट दर्द की समस्या होती है. 

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7-वेस्ट नेल वायरस से पीड़ित रोगी को तेज सिर दर्द के साथ गर्दन दर्द की समस्या होती हैं. जैसे नेक मूवमेंट में समस्या होना, गर्दन अकड़ जाना, कंपकंपी आना, पैरालिसिस अटैक यहां तक कि रोगी कोमा में भी जा सकता है.

8- लिंफैटिक फिलराइसिस यानी लसीका फाइलेरिया के दौरान शरीर के अंगों में सूजन आ जाती है और ये मोटे हो जाते हैं, जिस कारण मूवमेंट प्रभावित होता है, साथ में थकान, बुखार, भूख संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.

9- रॉस रीवर फीवर की समस्या आमतौर पर छोटे बच्चों में होती है. लेकिन कई बार टीनेजर्स और वयस्क भी इसकी चपेट में आ जाते हैं. इस बीमारी में शरीर में दर्द, थकान, रैशेज, बुखार, ठंड लगना जैसी समस्याएं होती हैं.

10- ईस्टर्न इक्वाइन इंसेफेलाइटिस की समस्या संक्रमित मच्छर के काटने के 4 से 10 दिन बाद शुरू होती है. इस बीमारी में तेज बुखार के साथ कंपकंपी आना, चीजों को समझने में समस्या होना, दौरे पड़ना और दिमाग में सूजन होना शामिल हैं.

11-सेंट लुइस इंसेफेलाइटिस का संक्रमण होने पर रोगी को बहुत अधिक थकान, मितली आना और फीवर आने से रोग की शुरुआत होती है. इस दौरान समय पर इलाज ना मिले तो स्थिति गंभीर होती चली जाती है. इसलिए रोगी को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

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(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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