डीएनए हिंदी : पानी पूरी को लोगों के सबसे प्रिय स्ट्रीट फूड में एक गिना जाता है. देश के भिन्न जगहों पर गोल-गप्पा, फुचका, गुपचुप और पानी-बताशा सरीखे नाम से प्रसिद्ध चटपटे स्वाद वाले पानी पूरी का मज़ा उसके मुरीद ही बता सकते हैं पर इस पानी पूरी को इन दिनों खतरे की घंटी माना जा रहा है. कुछ दिनों पहले नेपाल के काठमांडू में पानी पूरी बैन की गई थी. इन दिनों इसके ख़िलाफ़ तेलांगना में भी मोर्चा खुल गया है. प्रदेश के जन स्वास्थ्य निदेशक ने राज्य में बढ़ते टाइफाइड के मामलों के गोलगप्पों को ज़िम्मेदार ठहराया है. उनके अनुसार राज्य में बढ़ रही टाइफाइड बीमारी के प्रसार का कारण इन गोल-गप्पों (Golgappa Ban) को माना है. उन्होंने लोगों को इससे दूर रहने की सलाह दी है.
क्या है गोलगप्पों का Typhoid कनेक्शन
गोलगप्पों में खट्टे पानी का इस्तेमाल किया जाता है. अक्सर यह सड़क किनारे के खोमचों में मिलता है. जहां हाइजीन का ख़याल बमुश्किल ही रखा जाता है. चूंकि टाइफाइड हाइजीन और खान-पान से जुड़ी हुई बीमारी है, बारिश में इसके पीड़ितों की संख्या ख़ूब बढ़ जाती है. अकेले तेलांगना में इस साल जून में टाइफाइड के ढाई हज़ार से अधिक मामले सामने आए हैं.
इतनी बड़ी संख्या में टाइफाइड के मामले आने की वजह गोलगप्पे या फुचके (Golgappa Ban) के खराब पानी को भी बड़ी सम्भावना के तौर पर जताया जा रहा है. साथ ही अनहाईजेनिक खाना और मच्छर का भी इसमें काफी योगदान माना जा रहा है. स्वास्थ्य अधिकारी ने लोगों को पानी उबालकर और छानकर पीने की सलाह दी है.
यह भी पढ़ें- पुरुषों को होती है माहवारी, जानिए उसके लक्षण
बारिश में बढ़ जाता है इन बीमारियों का खतरा
बारिश में टाइफाइड (Typhoid Reasons) के साथ-साथ डेंगू, मलेरिया, हैजा, पेचिश सरीखी बीमारियों का ख़तरा भी बढ़ जाता है. स्वास्थ्य की इन समस्याओं को देखते हुए बारिश में हाईजीन का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है. पानी के जमाव से बचना और रोड साइड खानों से परहेज़ करना इस मौसम में स्वास्थ्य की अच्छी देखभाल कर सकता है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों (Latest News) पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में (Hindi News) पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर