Morning Positive Thought: दिन की शुरुआत करने से पहले खुद को दें 5 मिनट, पूरा दिन होगा बेहतरीन

Written By सुमन अग्रवाल | Updated: Nov 23, 2022, 08:49 AM IST

Morning Thought- सुबह सुबह खुद को 5 मिनट दें और पॉजिटिव संकल्प लें, आपका पूरा दिन बेहतरीन होगा, बीके शिवानी की ये टिप्स फॉलो करें

डीएनए हिंदी: Give 5 Minutes To Yourself in The Morning- जब हम दिन की शुरुआत करते हैं, तब पहले 5 मिनट अत्यंत आवश्यक होते हैं. उस समय अपने मन को शक्तिशाली संकल्प दें, जैसे की हम शांत हैं, हमारे साथ सब कुछ अच्छा होगा, हमारा दिन अच्छा जाएगा. आमतौर पर हमारे विचार चलते हैं  की ओह फिर 8 बज गए, फिर घर से बाहर निकलना पड़ेगा, फिर वही ट्रैफिक, फिर वही नौकरी, ऑफिस में वो बॉस, उसकी वो खिट-खिट. यही बातें हमारे दिमाग में चलती रहती हैं और इससे हमारा पूरा दिन तय होता है. बीके शिवानी से सुनिए हमें सुबह सुबह किस तरह के विचार लेने चाहिए

लो लेवल का सोचेंगे तो भाग्य भी लो लेवल का बनेगा. इसलिए कहते हैं "संकल्प से सृष्टि बनती है". मैं कौन हूं? शुरू-शुरू में सिर्फ बोलना पड़ता है. फिर धीरे-धीरे वो बन जायेंगे. जैसे जैसे हम बोलते गए "आई एम स्ट्रेस्ड", तो बन गए. आजकल लोग कहते हैं "आई एम डिप्रेस्ड", वो भी बोल-बोलकर बन जायेंगे. इसलिए हमें बहुत ध्यान से बोलना है कि मैं कौन हूं. जैसे हम आई एम स्ट्रेस्ड बोलकर स्ट्रेस्ड हो गए हैं, वैसे ही हैप्पी बोलने से हैप्पी बनते जाएंगे.

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उठते ही पहले 5 मिनट जो संकल्प हमें करने चाहिए

परमात्मा को गुड मॉर्निंग करें, भगवान को पूरे दिन अपने साथ महसूस करें, ऐसे जैसे कोई दोस्त आपके साथ है. उनके साथ एक रिश्ता जोड़ लें 

फिर संकल्प करें- मैं शांत स्वरूप आत्मा हूं. यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि कौन सा संकल्प चेंज करना है. जो बनना है, वो संकल्प करना है. मतलब अगर आप सफल होना चाहते हैं तो कहें कि मैं सफल हूं, धीरे धीरे आपके शब्द सच्चाई में बदल जाएंगे.

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मुझे किसी से कुछ नहीं चाहिए, मुझे सबको देना ही है. मैं देने वाली आत्मा हूं.

मेरा शरीर परफेक्ट,निरोगी है, मुझे कोई बीमारी नहीं है. अगर शरीर में थोड़ी बहुत प्रॉब्लम है भी, तो भी हमें सुबह-सुबह मन में यह संकल्प डाल देंगे कि यह बिलकुल नार्मल है तो धीरे धीरे बीमारी भाग जाएगी.

मेरे परिवार में एकता है. इस संकल्प से बिखरते हुए या टूटे हुए परिवार नज़दीक आ जायेंगे. जो दिख रहा है, वो नहीं सोचना है, बल्कि वो सोचना है, जो हम कल देखना चाहते हैं. यह मेरा परिवार नहीं है, यह परमात्मा का परिवार है.

कार्यव्यवहार के लिए संकल्प करना है मैं परमात्मा की सेवा पर हूं और मैं सबको सुख ही सुख देता हूं.

इन सभी संकल्पों को हमें विज़ुअलाइज़ भी करना है, क्योंकि आत्मा की 3 सूक्ष्म शक्तियां हैं मन, बुद्धि और संस्कार. मन संकल्प क्रिएट करता है, बुद्धि उसको विज़ुअलाइज़ करेगी. तीसरा वो आत्मा का अनुभव हो जायेगा, चौथा वो आत्मा में रिकॉर्ड हो जायेगा, फिर वो कर्म में आएगा, जो कर्म में आएगा वो भाग्य बन जायेगा। इसके अलावा, एक चीज़ और ऐड करनी है: मेरे पास बहुत टाइम है और मैं बिलकुल इजी हूं

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