National Cancer Awareness Day: गैस चैंबर बनती हवा से फेफड़ों के कैंसर से लेकर ब्रेन स्ट्रोक तक का खतरा, दिल भी नहीं महफूज

Written By ऋतु सिंह | Updated: Nov 07, 2023, 09:25 AM IST

वायु प्रदूषण से फेफड़ों के कैंसर से लेकर ब्रेन स्ट्रोक तक का खतरा

आपके शहर में पॉल्यूशन लेवल हाई है और वहां की दम घोटू हवा आपको परेशान कर रही तो समझ लें फेफड़े के कैंसर से लेकर ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा आपको ज्यादा है.

डीएनए हिंदीः एयर पॉल्यूशन का बढ़ता लेवल आपके लिए तुरंत भले ही बहुत परेशान न करने वाला हो, लेकिन इसके लॉन्ग टर्म इफेक्ट लंग्स कैसर, हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक जैसी कई और गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं. ये हम नहीं, बल्कि एम्स के डॉक्टर्स और कई स्टडीज बता रही हैं.

एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 50 से नीचे होना चाहिए लेकिन इन दिनों ये लेवर 400 पार हो चुका है. खास बात ये है कि इस पॉल्यूशन से लंग्स में जमा हो रहे नैनो कण कभी भी ब्लॉस्ट कर सकते हैं. केवल  श्वसन संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि स्वस्थ लोगों के जीवन के लिए खतरा हर साल बढ़ता जा रहा है. 

कैंसर से लेकर हार्ट अटैक के खतरे बढ़ेंगे

एम्स के मेडिसिन विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. पीयूष रंजन का कहना है कि  ऐसे वैज्ञानिक प्रमाण हैं जो वायु प्रदूषण और विभिन्न प्रकार के कैंसर के बीच संबंध स्थापित करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि श्वसन प्रणाली को नुकसान पहुंचाने के अलावा, वायु प्रदूषण का दिल का दौरा, ब्रेन स्ट्रोक और गठिया जैसी कोरोनरी धमनी रोगों से सीधा संबंध है.

Heart.org के अनुसार, प्रदूषण हृदय स्वास्थ्य पर अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों प्रभाव डाल सकता है और इसके लिए जिम्मेदार सूक्ष्म कण हो सकते हैं जो फेफड़ों या रक्तप्रवाह में भी गहराई तक जा सकते हैं. उनके बुरे प्रभाव से हृदय रोग, स्ट्रोक, फेफड़ों की समस्याएं आदि जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. यहां तक ​​कि किसी भी प्रकार के सूक्ष्म कणों, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड के प्रभावों से फेफेड़े के कैंसर का खतरा भी बढ़ता है. इतना ही नहीं, सूक्ष्म कण और वायु प्रदूषक सूजन का कारण बन सकते हैं और धमनियों के सिकुड़ने का कारण बन सकते हैं, जिससे हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा हो सकता है.

इन लोगों को खतरा सबसे ज्यादा है

डायबिटीज,  हाई ब्लड प्रेशर से लेकर हाई कोलेस्ट्रॉल, लंग्स डिजीजी और डिस्लिपिडेमिया के साथ अगर आप स्मोकिंग करते हैं तो आपको ऊपर दी गई बीमारियों का खतरा कई गुना ज्यादा होगा.

प्रदूषित हवा जानिए कैसे कर रही शरीर को नष्ट

ग्रेनो वेस्ट के जनरल फिजिशियन डॉ. आतिश आनंद बताते हैं कि बारीक कण पदार्थ (पीएम2.5) और अन्य वायु प्रदूषक, जैसे नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ2) और कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ), सांस के जरिए अंदर जाते हैं और फिर रक्तप्रवाह में प्रवेश करते हैं. एक बार रक्तप्रवाह में शामिल हो जाते है तो शरीर में सूजन और ऑक्सीडेटिव को ट्रिगर करते हैं - इससे नसों में तनाव बढ़ता है और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और एथेरोस्क्लोरोटिक प्लाक के निर्माण होने लगता है. धमनियों का यह संकुचन और सख्त होना कोरोनरी धमनी रोग, (हृदय रोग) जैसी स्थितियों को जन्म देता है.

तो जरूरी है कि आप वो सब कुछ ऐतिहात बरतें जो आपको इस पॉल्यूशन से बचा सके और आप इन संभावित रोगों से खुद को बचा सकें.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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