Neurological Disorders: क्या बच्चा अकेले खेलता है, छूने पर चिढ़ जाता है? ये गंभीर बीमारी के लक्षण हैं

| Updated: Apr 03, 2024, 07:33 AM IST

बच्चों में ऑटिज्म के संकेत

अपने बच्चों के व्यवहार, छोटी-छोटी हरकतों पर अगर आप नजर रखें तो उसके अंदर होने वाली एक गंभीर बीमारी के खतरे को तुरंत पकड़ सकते हैं.

Neurological Disorders In Child: अगर आपका छोटा बच्चा गंदगी नहीं फैलाता. अकेला रहता है, अकेला खेलता है. छोटी-छोटी बात पर अचानक गुस्सा हो जाता है. तो आपको इसके इस व्यवहार को गंभीरता से लेना होगा.  बच्चों के व्यवहार में आने वाले इन बदलावों को अक्सर माता-पिता नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन, ये खतरनाक हो सकता है. क्योंकि, ऐसी स्थिति अक्सर इस बात का संकेत देती है कि बच्चे ऑटिज्म (Autism) का सामना कर रहे हैं. ऑटिज्म को चिकित्सकीय भाषा में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर के नाम से जाना जाता है. जब बच्चे दो से तीन साल के हो जाते हैं तो लक्षण दिखाई देने लगते हैं. 

रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के अनुसार, ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों का व्यवहार, संचार कौशल और संज्ञानात्मक क्षमताएं अलग-अलग होती हैं. इस शारीरिक स्थिति के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं. इस विकार के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 2 अप्रैल को दुनिया भर में विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस के रूप में जाना जाता है. आत्म-भोग वास्तव में क्या है और इसके पीछे के सटीक कारणों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता पैदा की जाती है. 

आत्म-अवशोषण के कारण क्या हैं? 

हालांकि ऑटिज्म का सटीक कारण ज्ञात नहीं है, शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि आनुवांशिकी और इसी तरह के कारक शारीरिक स्थिति में योगदान करते हैं. इसलिए अगर बच्चों के व्यवहार में कोई अंतर दिखे तो माता-पिता को तुरंत डॉक्टरी सलाह लेने की हिदायत दी जाती है. 

ऑटिज्म के लक्षण क्या हैं?

  1. बोलने में धीमा 
  2. किसी को जवाब नहीं देना 
  3. दूसरों से आँख न मिलाना 
  4. सामने वाला क्या कह रहा है यह समझ में नहीं आ रहा है 
  5. कुछ चीजों में रुचि 
  6. किसी की बातों को नजरअंदाज करना 
  7. किसी के छूने से चिढ़ होना 
  8. रोबोटिक आवाज में बोलना 
  9. अकेले रहने वाले 
  10. दूसरों के पास जाकर उनसे मेल-मिलाप न करें 
  11. तेज आवाज से क्रोध आना 
  12. एक ही क्रिया को बार-बार दोहराना 

फिलहाल, ऑटिज्म का कोई प्रभावी इलाज नहीं है. हालाँकि, विशेषज्ञ और विशेषज्ञ व्यवहार थेरेपी, संचार कौशल, व्यावसायिक थेरेपी जैसे उपचार की मदद से आत्म-अवशोषण का सामना कर रहे पीड़ितों का इलाज करते हैं.

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(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.

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