Bad AQI in Delhi-NCR Effects: एक दिन में 10 सिगरेट पीने जैसा हुआ पॉल्यूशन, हार्ट अटैक के बढ़ेंगे और खतरे

Written By ऋतु सिंह | Updated: Nov 18, 2024, 11:52 AM IST

स्मॉग से छाई धुंध लंग्स ही नहीं, दिल के लिए भी खतरनाक बनी

क्या वायु प्रदूषण से आपको दिल का दौरा पड़ने का ख़तरा हो सकता है? आइये जानते हैं क्या है इसकी वजह क्या आप जानते हैं कि दिल्ली-एनसीआर की जहरीली हवा खतरनाक हो चुकी है, 10 सिगरेट पीने के बराबर ये पॉल्यूशन हो चुका है, क्या सच में ये हार्ट अटैक का कारण बन सकता है?

दिल्ली-एनसीआर  जहरीली हवा में सांस ले रहा है. रोज़ ही आप पॉल्यूशन के बारे में सुन रहे होंगे या बात करते होंगे लेकिन क्या आपको पता है कि ये सेहत के लिए कितनी खतरनाक हो रही है. दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को आज 'गंभीर' लेबल किया गया. हाल के वर्षों में, खराब वायु गुणवत्ता को हृदय रोग के लिए एक नए जोखिम कारक के रूप में पहचाना गया है, जो धूम्रपान,हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल के साथ ही लंग्स की दिक्कतें बढ़ा रही है.

लेकिन अब इस लिस्ट में एक और गंभीर जानलेवा रोग भी शामिर हो गया है. डॉक्टर्स जहरीली हवा से हार्ट अटैक के खतरे के प्रति भी आगाह कर रहे हैं. दिल्ली-एनसीआर जैसे शहरों में जहाँ AQI अक्सर खतरनाक स्तर तक पहुंच रहा है वहां वायु प्रदूषण के संपर्क में आना एक दिन में दस सिगरेट पीने जितना हानिकारक साबित हो रहा है. बैड AQI स्तर विशेष रूप से हृदय स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है, हृदय रोगियों द्वारा अनुभव किए जाने वाले लक्षण, और इन जोखिमों को प्रबंधित करने और कम करने के लिए वे क्या उपाय कर सकते हैं.
 
AQI स्तर खराब होने के नुकसान

वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) वायु प्रदूषण और इसके संभावित स्वास्थ्य प्रभावों को मापने का एक मानकीकृत तरीका प्रदान करता है. AQI का स्तर हृदय स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है:

प्रदूषण के प्राथमिक स्रोत, जैसे ईंधन और बायोमास जलाना, मिलावटी ईंधन, रासायनिक खतरे और यातायात की भीड़, हानिकारक कण (जैसे PM2.5) और गैसों को हवा में छोड़ते हैं. ये प्रदूषक हृदय संबंधी स्थितियों को ट्रिगर और बढ़ा सकते हैं, जिससे तत्काल और दीर्घकालिक दोनों तरह की स्वास्थ्य जटिलताओं की संभावना बढ़ जाती है.

दिल पर क्या होता है असर

प्रदूषण का दिल पर असर पड़ता है. वायु प्रदूषण से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. प्रदूषण के कारण दिल पर होने वाले असर के बारे में जानकारीः 

  • हवा में मौजूद छोटे कण, जैसे पीएम 2.5, फेफड़ों और ब्लड सर्कुलेशन में पहुंचकर सूजन पैदा करते हैं. इससे ब्लड क्लॉटिंग होती है और हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. 
  • प्रदूषण से हाइपरटेंशन और डायबिटीज़ होने का खतरा भी बढ़ जाता है. ये दोनों बीमारियां हार्ट फ़ेलियर और कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकती हैं. 
  • प्रदूषण से एथेरोस्क्लेरोसिस की समस्या भी बढ़ती है. इसकी वजह से हृदय की धमनियों में रुकावट आती है. 

प्रदूषण से बचने के लिए ये उपाय अपनाएं: 

  1. प्रदूषण से बचने के लिए N95 मास्क का इस्तेमाल करें. 
  2. घर में एयर प्यूरीफ़ायर का इस्तेमाल करें. 
  3. ज़रूरत न होने पर बाहर न जाएं. 
  4. बाहर एक्सरसाइज़ न करें. 
  5. दिल के मरीज़ों को अपनी जांचों पर विशेष ध्यान देना चाहिए. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)

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