भारत में बिकने वाले प्रोटीन सप्लीमेंट में से 70 प्रतिशत जहरीले पदार्थों से बने होते हैं. इन विषाक्त पदार्थों में कीटनाशक भी शामिल हैं. परिणामस्वरूप, इस प्रकार का प्रोटीन सप्लीमेंट स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है. एक स्वास्थ्य पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट में अध्ययन के चौंकाने वाले निष्कर्ष सामने आए.
कुछ मामलों में प्रोटीन सप्लीमेंट वास्तव में विज्ञापित प्रोटीन से आधे प्रोटीन से बनाये जाते हैं. भारत में बिकने वाले 14 प्रतिशत प्रोटीन सप्लीमेंट में हानिकारक कवक होते हैं. 8 प्रतिशत प्रोटीन सप्लीमेंट में कीटनाशक पाए गए. परिणामस्वरूप, भारत में बेचे जाने वाले प्रोटीन सप्लीमेंट की गुणवत्ता पर सवाल उठाया गया है. IMARC ग्रुप द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, 2023 में भारत में 33,028.5 करोड़ रुपये के प्रोटीन सप्लीमेंट बेचे गए. परिणामस्वरूप देश के युवाओं एवं युवा समुदाय के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है.
मांसल दिखने के खतरे
डॉक्टरों के मुताबिक सिर्फ सामान्य भोजन से शरीर को अतिरिक्त प्रोटीन मिलना संभव नहीं है. इसलिए प्रोटीन सप्लीमेंट की जरूरत होती है. प्रोटीन पाउडर प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों से बनाया जाता है. बॉडीबिल्डर, एथलीट नियमित रूप से प्रोटीन सप्लीमेंट लेते हैं. आहार विशेषज्ञ शरीर में प्रोटीन का स्तर बढ़ाने के लिए सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं. लेकिन केरल के राजगिरी अस्पताल और संयुक्त राज्य अमेरिका के एक संगठन के शोधकर्ताओं के अनुसार, भारत में इस पूरक से एक गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है .
हाई प्रोटीन सप्लीमेंट से कॉस्टिपेशन, मुंहासे, मितली, पानी की कमी, शरीर में सूजन, भूख में कमी, थकान और सिरदर्द के साथ गंभीर स्थिति में किडनी तक खराब हो सकती है.
केंद्र सरकार कदम उठा रही है
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण उन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है जो प्रोटीन पाउडर और आहार अनुपूरक में दावा किए गए अवयवों को नहीं रखते हैं . 2023 में ऐसे संगठनों के खिलाफ 38,053 सिविल और 4,817 आपराधिक मामले दर्ज किए गए.
इसलिए बिन डॉक्टर के सलाह के प्रोटीन सप्लीमेंट लेने से बचें.
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(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.
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