डीएनए हिंदीः ताज़ी सब्जियां और फल हमारे लिए जरूरी हैं लेकिन कुछ चीजों को कच्चा खाने से पहले आपने हेल्थ कंडिशन पर भी ध्यान देना चाहिए. गैस, एसिडीटी, लिवर डिजीज या किसी इंफेक्शन से तुरंत बीमार होने वाले लोगों के लिए कच्ची चीजें खाने से मना किया जाता है, लेकिन आज आपको कुछ ऐसी कच्ची चीजों के बारे में बताएंगे जिन्हे किसी स्वस्थ व्यक्ति को भी कच्चा खाने से बचना चाहिए.
हममे से बहुत से लोग कुछ चीजें कच्ची इसलिए खाते हैं क्योंकि इससे विटामिन, मिनरल और रफेज ज्यादा मिलेगा और इसका फायदा शरीर को मिलेगा लेकिन ये हमेशा सही नहीं होता है. कुछ सब्जियों में प्राकृतिक विषाक्त पदार्थ और पचाने में मुश्किल होने वाली शर्करा होती है जो गैस्ट्रोनॉमिकल बीमारियों से लेकर फूड पॉयजनिंग का कारण भी बन सकती हैं. भले ही आप खाद्य पदार्थों को सब्जी और फल क्लीनर में धोते हैं, जो फलों और सब्जियों की सतह पर कीटनाशकों और दूषित पदार्थों को हटा देता है, वे कच्चे खाने के लिए उपयुक्त नहीं हैं.
यहां वे सब्जियां हैं जिनका कभी भी कच्चा सेवन नहीं करना चाहिए
1. आलू:
कच्चे आलू न केवल स्वाद में खराब होते हैं बल्कि पाचन संबंधी समस्याएं भी पैदा कर सकते हैं. आलू का कच्चा स्टार्च सूजन और गैस का कारण बन सकता है. किसी भी प्रकार की गैस्ट्रोनॉमिकल समस्या से बचने के लिए, खाने से पहले आलू को बेक करने, भूनने या पकाने की सलाह दी जाती है.
2. पत्तेदार सब्जियां:
पत्तागोभी परिवार से संबंधित सब्जियां जैसे फूलगोभी, ब्रुसेल्स, ब्रोकोली और स्प्राउट्स को कभी भी कच्चा नहीं खाना चाहिए. इन सब्जियों में चीनी होती है जिसे पचाना मुश्किल होता है. इन सब्जियों को कच्चा खाने से कई तरह की गैस्ट्रोनॉमिकल समस्याएं हो सकती हैं.
3. मशरूम:
मशरूम को कच्चा खाने से फूड पॉयजनिंग का खतरा ज्यादा होता है. साथ ही इसे पका कर खाने से अधिक पोषक तत्व प्राप्त किया जा सकता है. भुने या ग्रिल किए हुए मशरूम में कच्चे मशरूम की तुलना में अधिक पोटेशियम होता है. आप अपने पसंदीदा भोजन को एक स्वस्थ स्वाद देने के लिए पास्ता या पिज़्ज़ा में तले हुए मशरूम मिला सकते हैं.
4. मांस:
कच्चा या अधपका मीट, चिकन और टर्की खाना गंभीर रूप से जोखिम भरा है. अधिकांश कच्चे मुर्गे में कैम्पिलोबैक्टर होता है. इसमें साल्मोनेला, क्लॉस्ट्रिडियम परफ्रेंजेंस और अन्य बैक्टीरिया भी हो सकते हैं इससे गंभीर इंफेक्शन का खतरा हो सकता है.
5. लाल राजमा:
कच्ची या अधपकी फलियों में बड़ी मात्रा में टॉक्सिन, ग्लाइकोप्रोटीन लेक्टिन होता है जिसके सेवन के कुछ घंटों के भीतर मतली, उल्टी और दस्त जैसी समस्याएं होती हैं. लक्षणों की गंभीरता सेवन किए गए आपके द्वारा लिए गए खाने की मात्रा पर भी निर्भर करता है.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.