कई बार हमारे खानपान और सुस्त लाइफस्टाइल के चलते शरीर ही नहीं नसों में भी सूजन आने लगती है और इससे ब्लड प्रेशर भी बढ़ने लगता है. लेकिन ऑलिव एक ऐसा सुपरफूड ऐसा है जिसे खाने से आप नसों की सूजन से लेकर बीपी तक को कम कर सकता है.
खास बात ये है कि ऑलिव टाइप-2 डायबिटीज और कैंसर तक के जोखिम को भी कम करता है. ये सच है कि हम जो खाते हैं, वह हमारे समग्र स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है. कुछ खाद्य पदार्थ कुछ खास बीमारियों के जोखिम को बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं और इसलिए उन्हें सीमित मात्रा में खाना चाहिए, जबकि कुछ फूड्स ऐसे हैं जो कुछ बीमारियों और समस्याओं से बचाने में मदद भी करते हैं.
आनुवंशिक महामारी विज्ञान के विश्वविद्यालय के प्रोफेसर टिम स्पेक्टर ने ऑलिव और उससे बने तेल को सुपरफूड इसलिए कहा है क्योंकि इसमें कई ऐसे तत्व हैं जो कई रोगों को बढ़ने से रोकते हैं. उनका कहना है कि हृदय रोग , सूजन, टाइप 2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर से लेकर कैंसर से बचने तक के लिए एक चम्मच रोज ऑलिव आयल का सेवन करना चाहिए.
प्रोफेसर स्पेक्टर का कहना है कि वह आमतौर पर सुपरफूड शब्द का प्रयोग नहीं करते - लेकिन जैतून का तेल इसका अपवाद हो सकता है, क्योंकि यह एक ऐसा फल है जो कई बीमारियों में दवा जैसा काम करता है. इंस्टाग्राम पर लिखते हुए प्रोफेसर टिम स्पेक्टर ने कहा है कि अगर कोई 'सुपरफूड्स' है तो वह जैतून का तेल ही है.
उनका कहना है कि अगर आप ये सोच रहे की ये वसा है तो जान लें वर्जिन ऑलिव ऑयल हृदय संबंधी बीमारियों, टाइप 2 मधुमेह और कैंसर के जोखिम को कम करने से जुड़ा हुआ है. जैतून का तेल पॉलीफेनॉल्स से भरपूर होता है, जो एंटीऑक्सीडेंट लाभ वाले पादप यौगिक हैं. ये पॉलीफेनॉल्स न केवल शक्तिशाली सूजनरोधी प्रभाव डालते हैं, बल्कि वे लाभकारी आंत बैक्टीरिया के विकास को भी बढ़ावा देते हैं, जिससे आंत का स्वास्थ्य अच्छा रहता है.
वह प्रतिदिन एक चम्मच जैतून का तेल खाने की सलाह देते हैं. जैतून के तेल में ओलिक एसिड भी प्रचुर मात्रा में होता है, जो पॉलीफेनॉल्स के साथ मिलकर शरीर से लेकर नसों तक की सूजन को कम कर सकता है, हमारी याददाश्त में सुधार करता है और ब्लड प्रेशर को मेंटेन करता है.
हाल ही में 12,000 से अधिक लोगों पर किए गए एक स्पेनिश अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग प्रतिदिन डेढ़ चम्मच जैतून का तेल पीते हैं, उनमें हृदय रोग से मरने की संभावना आधी हो जाती . हालांकि इसके लिए एक्स्ट्रा वर्जिन ऑयल ही लेना होगा. परिष्कृत या साधारण जैतून के तेल में ये काम नहीं करता है.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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