सोशल मीडिया पर टाइमपास करना कब लोगों के लिए टाइम वेस्ट बन जाता है पता ही नहीं चलता है. जब से रील्स और शॉर्ट वीडियो (Reels And Short Videos) आए हैं तबसे लोगों को इसकी लत (Reels Addiction) सी लग गई है. लोग दिनभर रील्स देखते-देखते घंटों का समय बर्बाद कर देते हें. क्या आप जानते हैं कि रील्स की आदत को साइंस ने एक बीमारी (Reel Addiction Causes Health Risks) का नाम भी दिया है.
हावर्ड मेडिकल स्कूल की रिसर्च के अनुसार, रील्स की तल मास साइकोजेनिक इलनेस (Mass psychogenic illness) है. चलिए बताते हैं कि यह मास साइकोजेनिक इलनेस क्या होता है. इसके कारण क्या-क्या समस्याएं हो जाती हैं. साथ ही जानते हैं कि रील्स की आदत (Tips To Get Rid Of Reels Addiction) को कैसे दूर कर सकते हैं.
क्या है मास साइकोजेनिक इलनेस (Mass psychogenic illness)
- जो लोग बहुत ज्यादा फोन चलाते हैं और रील्स और वीडियो देखते हैं उन्हें मास साइकोजेनिक इलनेस हो जाता है. ऐसे लोगों में कई सारे लक्षण नजर आते हैं.
- मास साइकोजेनिक इलनेस का सबसे पहला लक्षण है कि ऐसा व्यक्ति बातचीत करते समय पैर हिलाता है और हाइपर एक्टिव रेस्पांस करता है. इसे के साथ ही कई सारे लक्षण नजर आते हैं.
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- इंसान अगर बहुत ज्यादा रील्स या शॉर्ट वीडियो देखता है तो दिमाग पर भी असर होता है. ऐसे में अटेंशन के साथ फोकस कम हो जाता है. इनका फोकस कम होता है और मन बैचेन रहता है.
- नींद की कमी, सिर दर्द, माइग्रेन और स्क्रीन में देखते रहने से आंखों पर भी असर होता है. ऐसे में आंख खराब हो सकती हैं. मोबाइल की रोशनी से आंखों के रेटिना पर असर पड़ता है.
- मोबाइल की स्क्रीन में देखने के लिए गर्दन को हमेशा झुकाकर रखना होता है ऐसे में गर्दन झुकाकर रखने से गर्दन में दर्द हो सकता है. ऐसे में बॉडी पॉश्चर भी खराब हो सकता है.
- अगर व्यक्ति को रील्स के साथ ही सोशल मीडिया की लत लग जाती है तो वह दूसरों के ज्यादा फॉलोअर उनकी पोस्ट पर ज्यादा लाइक देखकर भी डिप्रेशन में चला जाता है.
रील्स की तल को ऐसे करें दूर (How To Get Rid Of Reels Addiction)
बदलें एंटरटेनमेंट का जरिया
लोग रील्स अक्सर टाइमपास और एंटरटेनमेंट के लिए देखते हैं. लेकिन धीरे-धीरे ये टाइम पास टाइम वेस्ट बन जाता है. अगर आपको रील्स देखने की लत लग गई है तो एंटरटेनमेंट के लिए रील्स देखने की बजाय फैमिली और दोस्तों से बातचीत करें. हॉबीज को फॉलो करें और गेम खेलें.
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सेट करें टाइम लिमिट
किसी भी आदत को एकसाथ छोड़ पाना आसान नहीं होता है ऐसे मेंक रील्स की लत को धीरे-धीरे छोड़ने के लिए जरूरी है कि फोन इस्तेमाल करने की लिमिट को सेट करें. आप फोन की सेटिंग्स में जाकर इस चीज को चेक कर सकते हैं कि आपने कितना समय सोशल मीडिया पर बिताया है. इसे धीरे-धीरे कम करने का काम करें.
नोटिफिकेशन्स ऑफ
मोबाइल पर आने वाले नोटिफिकेशन्स एप खोलने को मजबूर करते हैं जिसके बाद लोग घंटों तक फोन स्क्रीन पर स्क्रॉलिंग करते रहते हैं. ऐसे में आपको नोटिफिकेशन को बंद रखना चाहिए. इससे आपका माइंड डिस्ट्रिक्ट नहीं होगा.
डिलीट कर दें ऐप
कई लोग बहुत ही कोशिशों के बाद भी फोन और रील्स की एडिक्शन से छुटकारा नहीं पा पाते हैं. ऐसे में एक आखिरी उपाय है कि आप कुछ दिनों के लिए उस ऐप को डिलीट कर दें जिसके कारण आपका माइंड डिस्ट्रिक्ट होता है.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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