Reels Addiction: घंटों इंस्टाग्राम पर रील्स देखना आपको बना रहा 'मानसिक रोगी', अभी से आदत में कर लें सुधार 

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 11, 2023, 01:16 PM IST

घंटों इंस्टाग्राम पर रील्स देखना आपको बना रहा 'मानसिक रोगी'

Reels Addiction: अगर आप घंटों इंस्टाग्राम रील्स देखते हैं तो आज से ही अपनी इस आदत में सुधार कर लें, वरना आपको गंभीर मानसिक बीमारी से जूझना पड़ सकता है. 

डीएनए हिंदी: आजकल जिसे देखो वो फोन की दुनिया में मस्त है, वैसे तो मोबाइल फोन के इस्तेमाल से हमारे जीवन के कई काम आसान हो गए हैं. लेकिन, इसका जरूरत से (Health Tips) ज्यादा इस्तेमाल हमारे लिए खतरनाक होता जा रहा है. इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म स्क्रॉल करते-करते (Reels Addiction) घंटो बीत जाते हैं और लगता है बस अभी तो कुछ ही देर हुआ है थोड़ी देर और देख लेते हैं. लिहाजा न जाने कितने युवा रील्स एडिक्शन के (Social Media Addiction) शिकार हो चुके हैं. 

रील्स एडिक्शन अब एक तरह की बीमारी (Reels Addiction) के रूप में उभरने लगी है. आइए जानते हैं कैसे रील्स आपको शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसान पहुंचा रहा है...

रील्स एडिक्शन आपके लिए हो सकता है खतरनाक (Reel Addiction Causes Serious Health Risks) 

दरअसल, रील्स देखने के चलते लोग समय का दुरुपयोग कर रहे हैं और इसकी वजह से घंटो वक्त निकल जाता है, जिसका लोगों को पता भी नहीं चलता है. इस वजह से उनके काम का नुकसान हो रहा है. जिस वजह से मानसिक तौर पर लोग बीमार हो रहे हैं और लोगों में डिप्रेशन की समस्या देखने को मिल रही है. इतना ही नहीं, कई बार रील्स देखकर खुद में खामी ढूंढने लगते हैं और अपने आप को सामने वाले से कंपेयर करने लगते हैं.

ऐसे में लोग सामने वाले जैसा बनने की कोशिश करने लगते हैं. ऐसे में लोग खुद भी रील्स बनाना चाहते हैं और जब उनका रील्स वायरल नहीं होता या व्यूज नहीं मिलता है तो उन्हें गुस्सा और चिड़चिड़ापन महसूस होने लगता है और ये धीरे-धीरे तनाव डिप्रेशन में बदल जाता है. इस वजह से लोगों में एकाग्रता में कमी सामाजिक रूप से कट जाना मूड स्विंग जैसी समस्या देखने मिल रही है.

बच्चों पर पड़ता है बुरा असर (Reel Addiction Causes Serious Health Risks) 

वहीं, अगर बच्चे रील्स देख रहे हैं तो इससे उनकी पढ़ाई को नुकसान होता है और रील्स के एडिक्शन के चलते बच्चे पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पाते हैं. इतना ही नहीं देर रात रील्स देखने के चक्कर में स्लीपिंग पैटर्न डिस्टर्ब हो जाता है और दूसरे दिन स्कूल जाने में आफत आती है. ऐसे में नींद नहीं पूरी होने की वजह से स्ट्रेस होने लगता है और स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से आंखें कमजोर होने लगती है.  रील्स के चलते फिजिकल एक्टिविटी भी कम हो जाती है और लोग मोटापे का शिकार हो जाते हैं.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.) 

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