Bone Marrow डोनेट करने वाला ये है पहला बॉलीवुड एक्टर जिसने बच्ची की बचाई जान, जानें क्यों पड़ती है बोन मैरो की जरूरत?

ऋतु सिंह | Updated:Jul 31, 2024, 03:22 PM IST

बॉलीवुड एक्टर ने बोन मैरो डोनेट किया

सलमान खान ने भाई अरबाज खान के साथ मिलकर बोन मैरो दान कर एक छोटी बच्ची की जान बचाई है. सलमान खान बोन मैरो ट्रांसप्लांट करने वाले पहले भारतीय हैं. अस्थि मज्जा वास्तव में क्या है और यह प्रक्रिया कब और कैसे की जाती है?

बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान को यूं ही भाईजान नहीं कहा जाता. सलमान के अच्छे कार्यों और चैरिटी का एक नया मामला सामने आया है. जहां उन्होंने एक छोटी बच्ची को अपने भाई अरबाज खान के साथ मिलकर बोन मैरो डोनेट किया है.  

बोन मैरो डोनेट करने वाले पहले इंडियन बने भाई जान

बोन मैरो दान कर किसी लड़की की जान बचाने वाले सलमान पहले भारतीय हैं. उनसे पहले देश में किसी ने भी यह नेक काम नहीं किया था. हुआ यूं कि कुछ साल पहले पूजा नाम की एक बच्ची को बोन मैरो ट्रांसप्लांट की जरूरत थी, जिसके बाद सलमान अपनी पूरी फुटबॉल टीम के साथ उस लड़की की मदद के लिए आगे आए.

लेकिन अन्य लोगों ने बोन मैरो दान करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद सलमान और उनके भाई अरबाज खान ने लड़की को बोन मैरो दान किया. इसके लिए सलमान को बोन मैरो डोनर रजिस्ट्री मिल गई और वह भारत के पहले बोन मैरो डोनर बन गए. डॉ. जो एमडीआरआई के बोर्ड सदस्यों में से एक हैं.  

अस्थि मज्जा क्या है?
अस्थि मज्जा शरीर की हड्डियों में एक खाली जगह है जहां रक्त का उत्पादन होता है. इसे ब्लड सेल फैक्ट्री के नाम से भी जाना जाता है. यदि अस्थि मज्जा स्वस्थ है और ठीक से काम कर रहा है, तो यह शरीर में रक्त का उत्पादन बेहतर ढंग से करता है.

अस्थि मज्जा रक्त बनाता है, जो बदले में शरीर में प्लेटलेट्स, लाल रक्त कोशिकाओं और सफेद रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है. अस्थि मज्जा हड्डियों के मध्य भाग में पाया जाता है. यह एक प्रकार का स्पंजी ऊतक जैसा होता है.

अस्थि मज्जा की कमी के कारण होने वाले लक्षण

थकान और कमजोरी - रक्त कोशिकाओं की कमी से शरीर के अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है, जिससे थकान और कमजोरी होती है.

त्वचा का पीला पड़ना - खून में हीमोग्लोबिन की कमी के कारण त्वचा पीली हो जाती है.

सांस लेने में कठिनाई - जब शरीर के अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती तो सांस लेना मुश्किल हो जाता है.

बार-बार संक्रमण होना -श्वेत रक्त कोशिकाएं शरीर को संक्रमण से बचाती हैं. इनकी कमी से बार-बार संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है.

खून बहते रहना - प्लेटलेट्स रक्त का थक्का जमने में मदद करते हैं. इनकी कमी के कारण छोटे-छोटे घावों से भी बहुत अधिक खून बहता है.

बुखार - बार-बार संक्रमण से बुखार हो सकता है.

अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण की आवश्यकता कब होती है?

अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण आमतौर पर ल्यूकेमिया के साथ-साथ कई अन्य प्रकार के कैंसर के लिए आवश्यक होता है. कई बार एनीमिया (खून की कमी) के कारण अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है.

थैलेसीमिया से बचाव के लिए डॉक्टरों को बोन मैरो ट्रांसप्लांट भी करना पड़ता है. यदि आपको कीमोथेरेपी उपचार की उच्च खुराक मिली है, तो आपको अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण की आवश्यकता हो सकती है.

(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)

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