डीएनए हिंदीः दिल्ली और मुंबई में वायु प्रदूषण बद से बदतर होता जा रहा है. ऐसी जहरीली हवा के कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो रही हैं, जो आने वाले समय में और भी बदतर हो जाएंगी. हवा की खराब गुणवत्ता के कारण सर्दी, खांसी और बुखार जैसे लक्षण हो रहे हैं, ऐसी खराब हवा से गले में खराश की समस्या भी शुरू हो जाती है, जो काफी दर्द का कारण बनती है. अगर आप गले की खराश से परेशान हैं तो घरेलू उपायों से भी राहत पा सकते हैं. इन्हें घर पर आज़माएं और वायु प्रदूषण से सावधान रहें.
अदरक
गले की खराश के लिए आयुर्वेदिक चाय बहुत कारगर उपाय है. तुलसी, लौंग, काली मिर्च और अदरक वाली चाय का सेवन करने से गले की खराश और गले की अन्य समस्याओं से राहत मिलती है. गर्म प्रकृति वाली इन चीजों में एंटी-बैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं.
काली मिर्च
गले में खराश होने पर भी काली मिर्च का सेवन फायदेमंद साबित होता है. काली मिर्च को बताशे के अंदर रखकर चबाएं. इसके अलावा आप काली मिर्च और मिश्री को भी चबाकर खा सकते हैं. ऐसा करने से आपके गले की खराश कम हो जाएगी.
लहसुन
अगर आपके गले में खराश है तो आप लहसुन की कली भी चबा सकते हैं. ऐसा करने से आराम मिलता है. लहसुन में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण गले की खराश से राहत दिलाते हैं. सिर्फ लहसुन की एक कली मुंह में रखकर चूसने से भी राहत मिलती है.
गरम पानी की भाप
गले में खराश होने पर गुनगुने पानी से गरारे करने की सलाह दी जाती है. आप गुनगुने पानी में नमक भी मिला सकते हैं. गुनगुने पानी में नमक मिलाकर गरारे करने से गले को आराम मिलता है और खराश से राहत मिलती है. गर्म पानी से भाप लेना भी फायदेमंद होता है.
हल्दी वाला दूध
आपने दूध और हल्दी मिलाकर पीने के फायदों के बारे में तो सुना ही होगा. सर्दी-खांसी से राहत दिलाने के साथ ही यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मददगार है. इसीलिए इसे गोल्डन मिल्क भी कहा जाता है. दूध में हल्दी मिलाकर पीने से भी गले की खराश से राहत मिलती है.
मुलेठी
गले की खराश के लिए भी मुलेठी फायदेमंद है. मुलेठी का टुकड़ा चूसने से गले की खराश दूर होती है और गले से जुड़ी अन्य समस्याओं से भी राहत मिलती है.
मेथी
गले की खराश के लिए मेथी बहुत फायदेमंद है. एंटीफंगल गुणों से भरपूर यह जलन पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारता है. आप इसकी चाय पी सकते हैं. गले की खराश के इलाज के लिए मीठी मुलेठी की जड़ का उपयोग सदियों से किया जाता रहा है. कैसे करें इस्तेमाल: जड़ को पानी में मिलाएं, फिर उससे गरारे करें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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