डीएनए हिंदी: Self Management Tips in Hindi- एक सफल और खुशहाल जिंदगी के लिए सेल्फ मैनेजमेंट (Self Management) बहुत जरूरी है. सेल्फ मैनेजमेंट एक ऐसी दवा है, जो मैजिक है. यह दवा हमें सिर्फ और सिर्फ सेहत देती है, इस दवा का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है जिन्हें साइड इफ़ेक्ट पता ही नहीं होते हैं, उन्हें साइड इफ़ेक्ट (Side Effects) होते भी नहीं हैं. जिस दिन से वो साइड इफ़ेक्ट गलती से पढ़ लेते हैं, उस दिन से उन्हें साइड इफ़ेक्ट होना शुरू हो जाते हैं. इसलिए जरूरी है कि अपने मन के संकल्पों को पावरफुल बनाएं और खुद ही अपनी दिनचर्या तय करें. मोटिवेशनल स्पीकर बीके शिवानी हमें सेल्फ मैनेजमेंट की कुछ आसान ही टिप्स दे रही हैं.
सुबह की शुरुआत कैसे करें
यह मन बड़ा पावरफुल है. यह जो चाहे वो कर सकता है. आत्मा अपनी सोच से बीमारियां क्रिएट कर सकती है, अपनी सोच से बीमारियां ठीक कर सकती है. आत्मा अपनी सोच से बिगाड़ सकती है, अपनी सोच से रिश्ते ठीक कर सकती है. मुझे अपने संकल्पों पर बहुत ध्यान देना है - मेरा हर संकल्प आशीर्वाद/वरदान हो, सेहत उत्तम हो, मन खुश/शांत, विश्व सुन्दर हो लेकिन उसके लिए सुबह-सुबह से ही मुझे परहेज़ करना शुरू कर देना होगा. अगर सुबह की शुरुआत नेगेटिव हो गई तो आपके पूरे दिन इस बात का ख्याल रखना होता है, अंदर कुछ भी गलत डालना नहीं है. इसके लिए हमें क्या करना है?
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कोई भी व्यर्थ सन्देश हो, उसे पढ़ना ही नहीं है, देखते ही डिलीट कर देना है. देखकर पता चल जाता है, इसकी वाइब्रेशन क्या है. जैसे ही डाइट चेंज की, हेल्थ भी चेंज हो जाएगी. कुछ चीजें नकारात्मक नहीं होती, लेकिन व्यर्थ होती हैं. जैसे - कुछ चुटकुले आते हैं कि पति ऐसे होते हैं, पत्नियां ऐसी होती हैं. जितनी बार पढ़ते जाएंगे, अपना बिलीफ सिस्टम वैसा बनता जायेगा, हमारे रिश्ते भी वैसे ही बनते जाएंगे. इसलिए पढ़ने या देखने से पहले, उन्हें डिलीट करना है. सुबह उठते ही अपने आपको अख़बार और न्यूज़ चैनल्स से दूर रखना है, इधर- उधर हिंसा की खबरें, आतंक है, दुःख है, उसे अगर अंदर समा लिया तो यहां दुःख और आतंक शुरू हो जाता है.
हमारे संकल्प से हमारा भाग्य बनता है. सुबह उठते ही आत्मा को कोई श्रेष्ठ भोजन दें. कुछ ऐसा पढ़ें, सुनें या देखें जो बहुत शुद्ध, पवित्र, श्रेष्ठ और शक्तिशाली हो. जब भी कुछ खाएं या पियें, 30 सेकंड के लिए पॉज दें, जो वाइब्रेशन उसके अंदर हैं उन्हें साफ़ करें, भगवान् के वाइब्रेशन उसके अंदर भरें, जो चाहते हैं कि हो, वो उसके अंदर डाल दें. जैसे कल आपके बच्चे का एग्जाम है, तो पानी के गिलास में वाइब्रेशन डालें, यह शांत, शक्तिशाली आत्मा है. फिर शांत और शक्तिशाली आत्मा निश्चित रूप से पास हो जायेगा. इसलिए पहले आत्मा को शक्तिशाली बनाना है, फिर जो उससे करवाना है, वह दूसरा विचार हो. जीवन में प्रायोरिटी बहुत आवश्यक होती है. प्रायोरिटी मार्क्स, धन, आदि नहीं होते हैं, आत्मा को शांत व शक्तिशाली बनाना है. फिर वो आत्मा यह सब कुछ कर सकेगी
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