डीएनए हिंदी : इस गर्मी में अपने बच्चे को जरा संभलकर रखें क्योंकि आपकी छोटी-सी गलती भी बच्चे की स्किन और सेहत पर भारी पड़ सकती है.गर्मियों का मौसम अपने साथ तरह तरह की skin से जुडी समस्याओं को भी लाता है. बड़े तो फिर भी झेल लेते हैं लेकिन छोटे छोटे शिशु के लिए झेलना काफी मुश्किल है. और अगर कहीं आपके शिशु की यह पहली गर्मी है, तो आपकाे बहुत ज्यादा संभलकर रहने की जरूरत होगी . गर्मी में बच्चे को लू लगने, घमौरियों और त्वचा से जुड़ी कई परेशानियां हो सकती हैं-
घमौरियां कैसे होती हैं?
बढ़ते तापमान के साथ साथ हमारे स्किन की उत्तकें भी बढ़ती हैं. और ऐसे में जब गर्मी की बात की जाती है तो सबसे पहला ख्याल आता है prick heat या घमौरियों का जिसे हम heat rashes भी कहते हैं. इसकी वजह अत्यधिक धूप में रहना, पानी की कमी और शरीर में गर्मी होना होता है. इससे बच्चों के गालों में लाल निशान या रैशेज हो जाते है , यहाँ तक की बच्चों के पिछले वाले हिस्से में भी रैशेज की शिकायत देखी गई है.
हैरान करने वाली बात यह भी है की गर्मियों में हमारी त्वचा रूखी भी हो जाती है और इसकी वजह शरीर में पानी की कमी होती है. उत्तरी भारत में तो गर्मी का प्रकोप और भी ज़्यादा होता है जिससे यहाँ के लोगों की स्किन काफी रूखी रहती है. इस वक़्त शरीर से चमड़ी भी निकलने लगती है और स्किन को रूखा -सूखा बना देती है.
बचाव के तरीके -
सूती के कपड़े ही चुनें
गर्मी में अपने बच्चे को सूती और ढीले कपड़े पहनाएं क्योंकि इससे बच्चे की स्किन सांस ले पाती है, ठंडी रहती है और रैशेज नहीं होते हैं. कोशिश करें कि धूप के समय शिशु को घर से बाहर न निकालें (New Born baby skin care). अगर किसी कारणवश बाहर जाना भी पड़ जाए तो बच्चे को सिर पर सूती कैप पहनाकर रखें और धूप के सीधे संपर्क में आने से बचाएं. ऐसे में कॉटन या linen के कपड़े आपके बच्चों के लिए अच्छे हैं.
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उन्हें Hydrated रखें
हर वक़्त बच्चों को पानी पिलाना भी माता पिता के लिए किसी चैलेंज से कम नहीं होता. इसीलिए कोशिश करें उन्हें तरल पदार्थ में नींबू-पानी या नारियल का पानी भी पिलाते रहिए जो आपकी त्वचा को पोषण देती है. इसके अलावा बच्चों को पानी में स्ट्रॉबेरी और पुदीना डालकर भी उन्हें पीला सकते हैं. बच्चों को खाने में भी वही सब्ज़ी या फल दें जिसमे पानी की मात्रा अधिक होती है जैसे की तरबूज़ और खीरा जो आपके शरीर में भारी मात्रा में जल प्रदान करती है.
Nappy का करें कम से कम इस्तेमाल
नैप्पी बच्चों के लिए आम बात है लेकिन गर्मियों में आप अपने बच्चे को कुछ देर के लिए nappy से मुक्त रख सकते है क्योंकि भीषण गर्मी में नैपी के चलते बच्चों को पसीने(New Born baby skin care) आते हैं और उनकी जांघ और कमर या पेट पर रैशेस आ सकते हैं और गर्मियों में बच्चे की जितना नैपी कम पहनाएंगे उतना ही उनकी त्वचा के लिए अच्छा साबित होगा.
दिन में दो बार नहलाएं
गर्मियों की छुट्टी में ही बच्चे पूरा फायदा उठाते हैं क्योंकि सुबह से श्याम उनका समय खेलने में ही चला जाता है. और ऐसे में विशेषज्ञ की सलाह है की दो बार नहाएं ताकि शरीर में जमा मैल और पसीने से छुटकारा मिल सके. शैम्पू भी ऐसा इस्तेमाल करें जिसमे खतरनाक टॉक्सिन मौजूद न हो. बच्चों को अगर बॉडी वाश पसंद है तो ऐसे वाले इस्तेमाल करें जिसमे एलोवेरा और नारियल के तत्व हो जो आपके शरीर को सूखने से बचाती है.
करें सनस्क्रीन और मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल
गर्मी के मौसम में सनबर्न होना आम बात है लेकिन शिशु की नाजुक त्वचा(New Born baby skin care) इसे झेल नहीं पाएगी इसलिए आप अपने शिशु के लिए पहले से ही सनस्क्रीन लोशन, कूलिंग जेल जैसे कि एलोवेरा जेल और मॉइचश्राइजर खरीद कर रखें.और पहली बार शिशु पर इस तरह के प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से पहले एक बार पीडियाट्रिशियन से जरूर बात कर लें.
Talc - Free powder का ही करें इस्तेमाल
आखिर में अगर पसीने के चलते होने वाली skin problems से बचना चाहते हैं तो उन्हें Talc free powder ही दें खासतौर पर जिस जगह पर डायपर पाहण्या गया हो. हम talc free पाउडर इसीलिए बोल रहे हैं क्योंकि Talc पाउडर में carcinogens पाया जाता है जो कैंसर पैदा कर सकता है.
(इन नुस्खों को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर / dermatologist की ज़रूर सलाह लें.)
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