डीएनए हिंदीः ब्लड शुगर जब भी हाई होता है तो मीठा खाने की इच्छा भी बढ़ती है क्योंकि शरीर की सेल्स को ऊर्जा यानी ग्लूकोज नहीं मिल रहा होता है. ऐसा इसलिए ही होता है क्योंकि आपके द्वारा खाई गई चीजों से मिला ग्लूकोज ब्लड में घुल जाता है और सेल्स को मिल नहीं पाता.
डायबिटीज होने के पीछे भी एक बड़ा कारण इंसुलिन की निष्क्रियता ही होती है, असल में डायबिटीज लोगों में शुगर तुरंत हाई होने के पीछे कारण यही होता है कि उनके ब्लड में इंसुलिन स्वस्थ लोगों की तरह जल्दी एक्टिवेट नहीं होता है. स्वस्थ लोगों में खाना खाने के साथ ही पैन्क्रियाज से इंसुलिन ब्लड में निकलने लगता है लेकिन टाइप टू डायबिटीज रोगियों में ये प्रासेस बहुत स्लो होता है, खाना खाने के करीब 15 से आधे घंटे बाद इंसुलिन धीरे-धीरे ब्लड में जब तक पहुंचता है तब तक शुगर ब्लड में घुल चुकी होती है.
कितना भी हाई हो शुगर तुरंत कंट्रोल कर देंगे ये देसी नुस्खे, डायबिटीज हमेशा काबू में रहेगी
पेट में नेचुरली कैसे स्लो करें ब्लड बनने की प्रक्रिया
डायबिटोलॉजिस्ट डॉक्टर आतिश आनंद बताते हैं कि पेट में खाना पचने के साथ ही शुगर में कंवर्ट होने लगता है, इसे रोकने के लिए खूब सारा फाइबर लेना चाहिए. डायबिटीज रोगी अगर खाने में पत्तेदार सब्जियां, मोटा और साबुत अनाज लें तो उनका खाना पचने की प्रक्रिया स्लो होगी और इससे ग्लूकोज जब तक ब्लड में पहुंचेगा इंसुलिन नेचुरली एक्टिवेट हो जाएगा.
नेचुरोपैथी विशेषज्ञ प्रीतिका मौजुमदार यहां आपको कुछ आयुर्वेदिक हर्ब्स के बारे में बता रही हैं जो जो शुगर को ब्लड में घुलने से रोकते हैं ठीक उसी तरह जिस तरह इंसुलिन रोकता है.
विजयसार (Vijaysar powder)
आयुर्वेद में विजयसर को इसके एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण डायबिटीज कंट्रोल करने में बेहद दमदार बताया गया है. यह इस जड़ी बूटी के एंटी-हाइपरलिपिडेमिक गुण हैं जो शरीर में कुल कोलेस्ट्रॉल, कम घनत्व वाले लिपो-प्रोटीन और सीरम ट्राइग्लिसराइड के लवेल को कम करने में मदद करते हैं. उएह डायबिटीज के लक्षणों को कम करने में मदद करता है जिसमें बार-बार पेशाब आना, अधिक खाना और अंगों में जलन शामिल है. यह पाचन तंत्र में सुधार करता है और अग्न्याशय में इंसुलिन उत्पादन स्तर को बढ़ाता है. साथ ही ये अग्न्याशय की कोशिकाओं को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाता है और इंसुलिन स्राव को बढ़ाता है. जिससे रक्त शर्करा के स्तर का प्रबंधन होता है
ब्लड में बहते शुगर को सोख लेगी ये सफेद जड़ी, बिगड़ा हुआ डायबिटीज भी हो जाएगा कंट्रोल
गुड़मार (Gurmar)
गुड़मार अपने एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण डायबिटीज (टाइप 2) के प्रबंधन में प्रभावी है. बता दें कि गुड़मार खाने में मीठा होता है और ये शुगर क्रेविंग को रोकने में सबसे ज्यादा असर करता है. यह अग्न्याशय की कोशिकाओं को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाता है और इंसुलिन स्राव को बढ़ाता है जिससे रक्त शर्करा का स्तर कम होता है. दोपहर और रात के खाने के आधे घंटे बाद एक चम्मच गुड़मार के पत्तों का चूर्ण पानी के साथ लें. यह शरीर में कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को रोकता है.
गिलोय (Gloy)
गिलोय का वैज्ञानिक नाम टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया है और इसे अमरता की जड़ के रूप में जाना जाता है. पौधे की पत्तियां ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में प्रमुख भूमिका निभाती हैं. प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए यह एक बेहतरीन जड़ी बूटी है. इसके एंटीऑक्सिडेंट गुण हानिकारक मुक्त कणों से लड़ते हैं. यह एक नैचुरल एंटी-डायबिटीज दवा है जो चीनी की लालसा को दबाती है. इसके अलावा, यह अग्न्याशय के बीटा कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाती है. यह रक्त में इंसुलिन और ग्लूकोज को कंट्रोल रखती है. गिलोय पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में भी मदद करता है, जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में महत्वपूर्ण है. आप गिलोय पाउडर या जड़ी बूटी की पत्तियों और छाल को पानी में डालकर सुबह जल्दी पी सकते हैं.
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मेथी के बीज (fenugreek seeds)
मेथी एक और औषधि है, जो ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद कर सकती है. इन बीजों में फाइबर और अन्य रसायन होते हैं, जो कार्बोहाइड्रेट और शुगर के पाचन को धीमा करने में मदद करते हैं. कुछ शोधों में इस बात का प्रमाण भी मिला है कि मेथी के बीज टाइप 2 डायबिटीज को शुरुआत में ही रोकने में मदद कर सकते हैं.
सदाबहार (Sadabahar)
सदाबहार को पेरिविंकल के रूप में जाना जाता है और यह भारत में आमतौर पर पाई जाने वाली जड़ी-बूटी है. इसकी गहरे हरे रंग की पत्तियां टाइप-2 डायबिटीज के लिए प्राकृतिक औषधि के रूप में कार्य करती हैं. आपको ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए कुछ ताजी पत्तियों को चबाना है. इसे इस्तेमाल करने का दूसरा तरीका है सदाबहार के पौधे के गुलाबी रंग के फूल लेकर उन्हें एक कप पानी में उबाल लें. पानी को छानकर रोज सुबह खाली पेट पिएं.
नोट-आप चाहें तो सभी जड़ियों का पाउडर बना लें और दिन में बारी-बारी से इसे 1 चम्मच लेते रहें, लेकिन ध्यान रहे कि इन पाउडर को एक साथ न लें क्योंकि इससे कभी भी शुगर अचानक से बेहद कम हो सकता है.
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(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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