डीएनए हिंदी: आजकल बदलते लाइफस्टाइल (Bad Lifestyle) और गलत खानपान की वजह से लोगों को कई तरह की गंभीर बीमारियों को सामना करना पड़ता है. मधुमेह, हाइपरटेंशन (Diabetes And Hypertension) लाइफ स्टाइल से जुड़ी इन्हीं बीमारियों में से एक है. ऐसे में जो लोग अपनी लाइफ स्टाइल को मैंटेन करके चलते हैं, यानी हेल्दी डाइट पर ध्यान देते हैं या योगा-व्यायाम और समय पर सोना जैसे नियमों का पालन करते हैं. उन लोगों में इन बीमारियों के होने की संभावना बेहद कम होती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो इन बीमारियों से बचाव के लिए समय समय पर इसकी जांच (Diabetes Test) करवाते रहना चाहिए. क्योंकि समय पर जांच कराने से इन बीमारियों का उपचार और अधिक आसान हो जाता है.
ऐसे मरीज 3 बार कराए डाइबिटीज की जांच
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (ADA) के अनुसार, ब्लड में शुगर की जांच करने के लिए मधुमेह के मरीजों को दिन में कम से कम तीन बार अपने रक्त शर्करा की जांच जरूर करवानी चाहिए. इसके अलावा यह जांच उन लोगों के लिए भी जरूरी होता है, जिन्हें इंसुलिन की अधिक आवश्यकता होती है.
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मरीज की कंडीशन पर जांच करता है निर्भर
डाइबिटीज टाइप 2 के मरीजों की जांच उनके इंसुलिन लेवल को ध्यान में रखकर किया जाता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, किसी भी मधुमेह रोगी में शुगर लेवल की जांच उसकी स्थिति को देखकर ही की जाती है. इसके लिए डॉक्टर ही तय करता है कि मरीज के शरीर में इंसुलिन का लेवल क्या है? और कितनी बार मरीज को जांच कराने की जरूरत है.
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कितना होना चाहिए ब्लड में शुगर लेवल
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ब्लड में शुगर लेवल की जांच के लिए समय समय पर जांच कराना बेहद जरूरी होता है. अगर ब्लड में खाली पेट ग्लूकोज का लेवल 100 मिलीग्राम/डीएल से कम है तो यह स्थिति सामान्य मानी जाती है. वहीं दो अलग अलग जांच में ग्लूकोज का स्तर 126 मिलीग्राम/डीएल या उससे अधिक है, तो डाइबिटीज होने की संभावना हो सकती है. ऐसे में अगर पहली बार जांच कराने पर ग्लूकोज 500 मिलीग्राम/डीएल आ रहा है तो इसके नॉर्मल होने तक जांच कराते रहना चाहिए.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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