PM Modi ने काफल के लिए CM धामी को दिया था धन्यवाद, ये जंगली फल कई गंभीर बीमारियों की है दवा

Written By ऋतु सिंह | Updated: Jul 09, 2023, 10:20 AM IST

काफल के फायदे

काफल (Bayberry) उत्तराखंड के जंगलों में मिलने वाला वो औषधिय फल है जो कई गंभीर बीमारियों की दवा है.

डीएनए हिंदीः काफल, जिसे बेबेरी के नाम से भी जाना जाता है, उत्तराखंड में पाया जाता है. स्वादिष्ट होने के साथ ही ये एक औषधिय फल भी है. सरकार इस फल के गुणों के कारण ही इसे प्रमोट कर रही और इस फल के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए पीएम मोदी ने सीएम धामी को धन्यवाद दिया था.

आकार में बेहद छोटा ये फल खट्टा-मीठा होता है. इसके कई स्वास्थ्य लाभों के लिए पारंपरिक चिकित्सा में इसका उपयोग सदियों से किया जाता रहा है. यह फल कई औषधीय गुणों से भरपूर है. हालांकि इस फल की सेल्फ-लाइफ सिर्फ दो दिन की होती है. 

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काफल के स्वास्थ्य लाभ जान लें
काफल विटामिन सी, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन, पोटेशियम और जिंक जैसे विटामिन और खनिजों का एक उत्कृष्ट स्रोत है. यह एंटीऑक्सीडेंट से भी भरपूर है और इसमें सूजन-रोधी गुण भी हैं जो पूरे शरीर में सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं. इसके अतिरिक्त, काफल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने, पाचन में सुधार और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है.

इसे ताजा या सुखाकर खाया जा सकता है. इसका उपयोग जैम, जेली, चटनी, अचार और प्रिजर्व बनाने के लिए भी किया जा सकता है. फल का उपयोग मीठे और नमकीन व्यंजनों में समान रूप से किया जा सकता है.

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फल का उपयोग काफल पन्ने की तरह भी होता है. चीनी, इलायची और अन्य मसालों के साथ पानी में उबालकर इसे बनाया जाता है. यह पेय पाचन के लिए फायदेमंद माना जाता है और यहां तक ​​कि कामोत्तेजक भी होता है.

काफल के पौधे की पत्तियों का उपयोग औषधीय रूप में भी किया जा सकता है. वे एंटीफंगल गुणों के लिए जाने जाते हैं और अक्सर एक्जिमा, सोरायसिस और फोड़े सहित विभिन्न त्वचा रोगों के लिए आयुर्वेदिक उपचार में उपयोग किए जाते हैं.

इसकी पत्तियां प्रतिरक्षा को बढ़ाकर और सूजन से लड़कर समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करती हैं.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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