Birth Weight: जन्म के समय बच्चे के वेट से फ्यूचर में Blood Pressure-Heart Disease होने तक का चलेगा पता

ऋतु सिंह | Updated:Feb 19, 2024, 10:24 AM IST

Baby's Weight will be future disease prediction

बच्चे का जन्म के समय वजन (Weight of Child at Birth) से ही अब ये अनुमान लगाया जा सकेगा कि भविष्य में उसे किस तरह की बीमारियों (Prediction of Diseases) के होने की संभावना अधिक होगी.

भले ही जन्म के समय बच्चा स्वस्थ हो लेकिन उसका वजन बता देगा कि उसे भविष्य में गंभीर बीमारी माने जाने वाली हार्ट डिजीज से लेकर ब्लड प्रेशर तक की बीमारियों का खतरा कितना होगा. ऐसा फिनलैंड की एक जनर्ल बता रही है. यहां प्रकाशित एक जनरल के अनुसार बच्चे का वेट उसके बड़े होने पर होने वाली बीमारियों का अंदेशा दे सकता है.

फ़िनलैंड में हेलसिंकी विश्वविद्यालय (University of Helsinki in Finland) के विशेषज्ञों ने हाल ही में एक अध्ययन किया और ये शोध रिपोर्ट बायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुई है. इसमें कहा गया है कि वयस्कता में हृदय रोग का खतरा बच्चे के वजन पर निर्भर करता है.

 शोध की रिपोर्ट के अनुसार जन्म के समय कम वजन वाले शिशुओं में बड़े होने पर हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज के खतरे की संभावना ज्यादा होती है.

क्या कहता है ये नया शोध 
गर्भावस्था के दौरान अगर मां को सही पोषण न मिले तो पेट में पल रहे बच्चे का मेटाबॉलिक रेट डिस्टर्ब होने लगता है और इससे संभावित रूप से बच्चा कम वजन के साथ पैदा होता है और उसे बड़े होकर दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है. खासकर जो मां अतिकुपोषित हों तो उनके बच्चे में ये खतरा और ज्यादा हो सकता है.

रिपोर्ट के अनुसार एक स्वस्थ बच्चा 2.5 केजी से ज्यादा और 3 केजी तक हो तो उसे स्वस्थ माना जाता है लेकिन 2.5 से कम वेट बच्चे कमजोर कहे जाते हैं. 

विशेषज्ञों क्या कहते हैं
विशेषज्ञ बताते हैं कि मां के कुपोषित होने से का ये खतरा जीन में होता है और ये कई पीढ़ियों को प्रभावित करता है. कुछ मातृ जीन गर्भ में संतान की वृद्धि की स्थिति को प्रभावित करते हैं और परिणामस्वरूप संतान के जन्म के समय वजन को प्रभावित होता हैं.

इंस्टीट्यूट फॉर मॉलिक्यूलर मेडिसिन फ़िनलैंड (FIMM) के पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता जक्को लीनोनेन का कहना है कि जन्म के बाद बच्चे के विकास पर मां के जिन का बहुत प्रभाव नहीं होता है, लेकिन यह वयस्क होने पर ये परेशानियां सामने आ सकती है.

कितने लोगों पर हुआ था सर्वे
शोध दल ने 36,000 से अधिक बच्चों और माताओं का सर्वेक्षण किया था और उनके बच्चों के वजन के अनुसार रिपोर्ट तैयार की गई है.

शोध का उद्देश्य
अध्ययन में जन्म के समय वजन और वयस्क रोग जोखिम के बीच सूक्ष्म संबंध की और जांच की आवश्यकता पर जोर दिया गया है. उनकी रिपोर्ट के आधार पर यह सुनिश्चित करने का प्रयास करें कि अगली पीढ़ी का स्वास्थ्य अच्छा रहे.

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