Emotional Eating: स्ट्रेस के कारण मन उदास हो जाता है. ऐसे में कई लोगों की भूख बढ़ जाती है तो कुछ लोग स्ट्रेस में कम खाते हैं. अपनी भावनाओं के अनुसार, खाना खाने की आदत मेंटल हेल्थ को इफेक्ट कर सकती है. कम या ज्यादा खाना सेहत के लिए भी नुकसान पहुंचा सकता है.
इमोशनल ईटिंग
तनाव में कम या ज्यादा खाना ही इमोशनल ईटिंग करना होता है. कई लोग लगातार इमोशनल ईटिंग करते हैं. एक शोध के अनुसार, करीब 20 प्रतिशत लोग नियमित रूप से इमोशनल ईटिंग करते हैं. इसका मतलब यह लोग तनाव में होने पर मूड के अनुसार खाना खाते हैं.
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इमोशनल ईटिंग के कारण
तनाव के कारण कॉर्टिसोल, इंसुलिन और ग्लूकोज प्रभावित होते हैं. ये सभी हार्मोन भूख को बढ़ाने का काम करते हैं. इसके कारण भूख प्रभावित होती है. इमोशनल ईटिंग के कारण टाइप 2 डायबिटीज, हार्ट डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक और कैंसर तक का खतरा होता है.
इमोशनल ईटिंग से बचने के उपाय
आप भावनाओं के अनुसार, कम या ज्यादा खा रहे हैं तो ऐसे में इसे सही करने के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं. आप पर्याप्त और अच्छी नींद लें इससे तनाव कम होगा. मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होने से आप इमोशनल ईटिंग से बचे रहेंगे.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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