डीएनए हिंदी: कोई शराब पीए न पीए लेकिन एक चीज है जिसके नाम से हर कोई परिचित है. यह नाम है पटियाला पेग. इस पर कई गाने भी बन चुके हैं और लोगों की चर्चा में भी शामिल रहता है लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर इसका नाम पटियाला पेग कैसे पड़ा ? आखिर इसे नाम के साथ एक शहर का नाम क्यों जुड़ा. चलिए आज आपको बताते हैं कि आखिर पेग का नाम पटियाला पर क्यों रखा गया, इसका इतिहास क्या है और इसका इस से क्या रिश्ता है...
पीने वाले लोग हमेशा कहते हैं कि पटियाला पैग हर किसी के बस की बात नहीं. क्योंकि पटियाला पैग में शराब की मात्रा लार्ज पैग से भी ज्यादा होती है. वैसे तो यह किसी किताब में नहीं लिखा है लेकिन शराब पीने वालों के अनुसार पटियाला पैग में करीब 120 ML शराब होती है. इसका मतलब पटियाला पैग में आधा गिलास पानी और आधा गिलास शराब होती है.
क्या है पटियाला पेग का इतिहास ?
कहा जाता है कि पटियाला पैग का सीधा कनेक्शन महाराजा भूपिंदर सिंह से है जो कि 1900 से लेकर 1938 तक पटियाला के राजा थे. बता दें कि यह वही महाराजा हैं जिन्होंने अपनी रॉल्स रॉयस से शहर का कचरा उठवाया था. माना जाता है कि भूपिंदर सिंह की एक खास पोलो टीम थी जिसमें 8 सिख योद्धा थे. एक बार उन्होंने Irish टीम को खेलने के लिए बुलाया था. वहीं खेल से पहले शराब का प्रस्ताव रखा गया तो विदेशी टीम ने अपनी क्षमता दिखाने के लिए ज्यादा पीना शुरू कर दिया. एक बार ज्यादा पीने की वजह से विदेशी टीम हार गई. उन्होंने कहा कि पैग बड़े बनाए गए थे. तब राजा ने भी बताया कि पटियाला में पैग बड़े ही बनते हैं.
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