बच्चों की पढ़ाई (Children's Education) को लेकर माता-पिता ही नहीं, कई हम भी परेशान होते हैं कि हमारा पढ़ा हुआ आखिर क्यों भूल (What is read is forgotten) जाता है. बहुत पढ़ने के बाद भी अगर आपको पढ़ा याद नहीं रहता (Don't Remember What You Read) तो इसके पीछे कई बार पढ़ने का समय सही न होना होता (Time of Study is not Right) है. तो भी आप पढ़ना भूल जाते हैं. पता लगाएं कि समस्या कहां है.
इस तरह की असफलताओं के लिए बच्चे की याददाश्त या पढ़ाई की कमी ही जिम्मेदार नहीं होती है.क्योंकि मस्तिष्क दिन के कुछ निश्चित समय में सबसे अधिक सक्रिय होता है. यदि आप उस समय पढ़ने बैठेंगे तो सारा पढ़ा हुआ चित्र बच्चे के दिमाग में चित्र की तरह अंकित हो जाएगा, ऐसा विशेषज्ञों का समूह है. तो जानिए केलाफट में पढ़ाई का यह सबसे अच्छा समय!
दिमाग के 'सबसे अच्छे समय' का क्या मतलब है?
विज्ञान कहता है कि जैविक घड़ी के अनुसार मस्तिष्क को विशेष कार्य करने के लिए कुछ निश्चित समय निर्धारित होते हैं. जब दिमाग सबसे अच्छा काम करता है. ऊर्जा अधिक है. इसलिए यदि बच्चे को उस विशेष समय पर पढ़ाया जाए, तो उन्हें सभी पाठ अच्छी तरह से याद हो जाएंगे. पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में भी दिक्कत नहीं होगी. तो जल्दी से बनाएं पढ़ने का नया टाइम टेबल.
दिन के किस समय मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ती है?
प्रातः 10 बजे मस्तिष्क की शक्ति बढ़ती है. इसलिए सोने का सबसे अच्छा समय सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच है. इस दौरान अगर आप बच्चों को कुछ नया सिखाएंगे तो वे उसे बेहतर ढंग से समझ और याद रख पाएंगे .
ऐसा क्यूं होता है?
नाश्ते के बाद मस्तिष्क ऊर्जा से भरपूर होता है. परिणामस्वरूप, सभी पाठ सतर्क मस्तिष्क में ज़ेरॉक्स की तरह मुद्रित हो जाते हैं. वहीं, विशेषज्ञों की तरह बाहर की रोशनी, ताजी हवा भी मन में ताजगी लाती है. परिणामस्वरूप, बच्चों से लेकर वयस्कों तक, सभी का मानसिक जुड़ाव बहुत बढ़ जाता है.
और पढ़ने के लिए कौन सा समय आदर्श है?
विशेषज्ञों का कहना है कि मस्तिष्क न केवल सुबह बल्कि दोपहर में भी बहुत सक्रिय रहता है. खासतौर पर सूरज डूबने से लेकर रात को सोने से काफी पहले तक दिमाग जागता रहता है. घड़ी के मुताबिक हमारा दिमाग शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक सबसे अच्छी परफॉर्मेंस दे सकता है.
नई तकनीक दे रही सुबह पढ़ने की परंपरा से अलग दलली
बहुत दिनों से घर के बड़े-बूढ़े कहते आ रहे हैं कि सुबह उठकर जोर-जोर से पढ़ोगे तो सब याद करना पड़ेगा. लेकिन विशेषज्ञ इस दावे को पूरी तरह से गलत बताते हैं. उनके अनुसार, यदि आप क्राउबार पर चढ़ते हैं तो विपरीत होगा. परिणामस्वरूप, कुछ भी याद नहीं रहेगा. क्योंकि अगर आप जाग भी जाएं तो दिमाग अभी भी अल्जाइमर से भरा हुआ है. परिणामस्वरूप संचार में कठिनाई होती है. लेकिन जब खाना पेट में जाता है तो सिर फिर से मजबूत हो जाता है. तो सुबह 10 बजे के बाद दिमाग आलस्य के पीछे भागने लगता है. इसलिए बच्चे को सुबह दस बजे के बाद ही पढ़ाना चाहिए.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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