डीएनए हिंदीः पुरुष अक्सर सोचते हैं कि जब बच्चा होने की बात आती है तो उनकी उम्र कोई मायने नहीं रखती है और जैविक घड़ी (biological clock) केवल बच्चे पैदा करने वाली मां के लिए ही (child-bearing mother) महत्वपूर्ण है. हालांकि, उम्र के साथ शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता में गिरावट (number and quality of the sperm declines with age) आती है.
एक आदमी के लिए पिता बनने के लिए 20 के दशक के अंत से लेकर 30 के दशक की शुरुआत तक बेस्ट समय होता है. हालांकि पुरुषों के लिए 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बच्चे का पिता बनना संभव है. फिर भी, शोधकर्ताओं ने पाया है कि पुरुष के स्पर्म की क्वालिटी पर उम्र के साथ कई और चीजों का फर्क पड़ता है. देश में पुरुषों की स्पर्म डोनेशन को लेकर भी कुछ क्वालिटीज तय हैं, चलिए जानें.
Increase Sperm Count: स्पर्म काउंट कम होने से हैं परेशान तो शुरू कर दें इन 5 बीजों का सेवन, जल्द बनेंगे पिता
स्पर्म डोनेशन क्या है?-What is sperm donation?
शुक्राणु दान (Sperm donation) यानी एक उर्वर पुरुष (fertile man) एक बांझ दंपति या एक व्यक्ति (infertile couple) को एक बच्चे को गर्भ धारण (conceive a baby) करने में सहायता करने के लिए अपना वीर्य दान (donate sperm) करता है, लेकिन हर कोई स्पर्म डोनेट (sperm donate) नहीं कर सकता. शुक्राणु दान करने से पहले शुक्राणु दाताओं को पूर्ण चिकित्सा जांच (complete medical check-up) से गुजरना पड़ता है. पूरा किए जाने वाले मानदंड (criteria to be fulfilled are as follows) इस प्रकार हैं:
स्पर्म डोनेट करने वाली की एज- Age of Sperm donater
अधिकांश स्पर्म बैंक 18 से 39 वर्ष की आयु के बीच के डोनर को पसंद करते हैं. कुछ शुक्राणु बैंक ऊपरी आयु सीमा 34 वर्ष निर्धारित करते हैं.
Pollution Effects: प्रदूषण से होने लगती है स्पर्म की मौत, इस वजह से मिसकैरेज का बढ़ता है खतरा
मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन- Psychological evaluation
एक मनोचिकित्सक शुक्राणु दान करने वाले के मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक जा्ंच के आधार पर बेस्ट स्पर्म तय करते हैं.
स्वास्थ्य और चिकित्सा इतिहास -Health and medical history
शुक्राणु दान करने वाले की पूरी चिकित्सा और पारिवारिक इतिहास के बारे में पूछा जाता है. चिकित्सा इतिहास में कोई अनुवांशिक या वंशानुगत विकार हो तो ऐसे लोगों का स्पर्म सही नहीं माना जाता है.
शुक्राणु की गुणवत्ता और प्रजनन क्षमता परीक्षण-Sperm quality and fertility test
एक आधिकारिक शुक्राणु दाता बनने से पहले, व्यक्ति को अपने वीर्य के नमूनों के माध्यम से कई शुक्राणु गुणवत्ता परीक्षणों से गुजरना पड़ता है. गुणवत्ता, मात्रा और गति के लिए नमूनों का परीक्षण किया जाता है. एक शुक्राणु के नमूने के प्रति मिली लीटर में 15 मिलियन से अधिक शुक्राणु होने चाहिए. शुक्राणु की एक सामान्य संरचना, आकार होना चाहिए, और 40% से अधिक शुक्राणु गतिमान होने चाहिए.
Male Infertility: पुरुषों के शुक्राणु में कमी बन सकती है उनके बांझपन की वजह, जानिए कैसे
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.