Politicians Heirs in lok sabha chunav: राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ती ही जा रही है. फिल्मी हस्तियों से लेकर क्रिकेटर और किसी विवादों से सुर्खियों में आए लोगों को कोई न कोई पार्टी टिकट देती ही है. लोक सभा चुनाव 2024 में भी कई ऐसे लोग इस भी नजर आने वाले हैं जिनके लिए राजनैतिक दांवपेंच नया होगा लेकिन राजनीति का ककहरा वह अपने घर से सीखे हैं. वही कुछ इस मैदान के रमे हुए खिलाड़ी भी हैं. तो चलिए आज आपको उन महिला राजनेताओं के बारे में बताएं जो अपने पिता या मां की राजनैतिक विरासत को आगे ला रही हैं या लाने जा रही हैं.
1-पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज भी आपनी मां की राजनैतिक विरासत को संजोने इस बार लोक सभा चुनाव में बीजेपी से उतर रही हैं, वह दिल्ली से चुनाव लड़ेंगी.
2-अनुप्रिया पटेल भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं, वह उत्तर प्रदेश की मिर्जापुर सीट से चुनाव लड़ती रही हैं. अनुप्रिया पटेल सोने लाल पटेल की बेटी हैं, जिन्होंने उत्तर प्रदेश में स्थित अपना दल की राजनीतिक पार्टी की स्थापना की थी.
3- लालू यादव की बेटी मीसा भारती भी पिता की की पॉलिटिकल विरासत संभलाना शुरू कर दिया है.हालांकि 2019 में लोकसभा चुनाव में पाटलिपुत्र सीट से रामकृपाल यादव से चनाव हार गई थी.
4-कनिमोझी तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि की बेटी है. वह एक तमिल कवयित्री, पत्रकार और राजनीतिज्ञ हैं. तमिलनाडु की राजनीति में इनकी गहरी पैठ मानी जाती है.
5-शर्मिष्ठा मुखर्जी भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी की बेटी है.शर्मिष्ठा का एक पहचान कथक नर्तकी और सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर भी है. शर्मिष्ठा मुखर्जी दिल्ली की राजनीति में तेजी से सक्रिय हैं.
6-दिवंगत प्रमोद महाजन की बेटी पूनम महाजन 2014 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र के उत्तर मध्य मुंबई सीट से भाजपा से सांसद बनीं. प्रमोद महाजन ने भारतीय राजनीति में कम समय में ही अलग पहचान बनाई है.
7-सुप्रिया सुले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार की बेटी हैं. सुप्रिया को अपने पिता का उत्तराधिकारी माना जा रहा है. महाराष्ट्र की राजनीति में सूले काफी तेजी से उभर रही हैं. वह एक कुशल वक्ता भी हैं.
8-महाराष्ट्र के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे भी पिता की राजनैतिक विरासत संजो रही हैं. वे कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ भी कई अभियान चला चुकी हैं और सामाजिक जीवन में भी काफी सक्रिय हैं.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ़्ती मोहम्मद सईद की पुत्री महबुबा मुफ्ती पीडीपी की प्रेसिडेंट है और वह भी अपने पिता की राजनैतिक विरासत को आगे बढ़ा रही हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे की बेटी परिणति शिंदे सिर्फ 28 साल की उम्र में 2009 में पहली बार विधायक बनी थीं. सामाजिक संगठन जय जुई फाउंडेशन की संस्थापक परिणति ने राजनीति का ABC अपने पिता से सीखकर अब राजनीति में परिपक्व हो गई है.
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