सोशल मीडिया पर क्यों वायरल हो रहा 60 दिन का ये चैलेंज, जानें क्या है क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट का ये प्रयोग

Written By ऋतु सिंह | Updated: Sep 14, 2024, 02:05 PM IST

लाइफस्टाल और खानपान का सेहत पर असर

आजकल सोशल मीडिया पर एक 60 डेज चैलेंज वायरल हो रहा है. सेहत और लाइफस्टाइल के लिए क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट का ये चैलेंज क्या है चलिए जानें.

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है जिसमें एक डायटीशियन खुद को 'बीमार' करके लोगों को सेहतमंद बनाने की पहल कर रहे हैं. जिसमें वे ऐसी डाइट और लाइफस्टाल ले रहे हैं जो एक आम आदमी लेता है. इस चैलेंज में वह ये लोगों को दिखाना चाहते हैं कि क्या सच में एक आम आदमी जिस तरह का खान-पान लेता है और लाइफस्टाइल जीता है वह वाकई खराब है और तमाम तरह के रोगों को कारण है?  

जयपुर स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट, क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट और सर्टिफाइड डायबिटीज़ एजुकेटर डायटीशियन रजत जैन ने 60 दिन के लिए एक अनोखा चैलेंज शुरू किया है. रजत मोटापा कम करने, वजन बढ़ाने, पीसीओडी, थायरॉयड, डायबिटीज जैसी समस्याओं के लिए डाइट प्लान देते हैं और डाइट और लाइफस्टाइल में सुधार कर कई मरीजों की बीमारियों को कंट्रोल किया है. 

60 दिन का चैलेंज और उसका मकसद 

रजत ने 60 दिन के लिए एक चैलेंज लिया है जिसमें वे एक आम आदमी की तरह अनहेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएंगे - जंक फ़ूड खाएंगे, एक्सरसाइज़ नहीं करेंगे, और अपनी सेहत को बिगाड़ेंगे. उनका मकसद है लोगों को सेहत की अहमियत का 'असली' एहसास दिलाना. उनका मानना है कि लोग उनकी बातों को तब तक सीरियसली नहीं लेंगे जब तक उन्हें खुद इसका नतीजा नहीं दिखेगा.

 क्या 'आम आदमी' की डाइट वाकई में इतनी खराब है? 

रजत के इस प्रयोग से एक बड़ा सवाल खड़ा होता है - क्या हमारी, आम आदमी की, डाइट वाकई में इतनी खराब है? क्या हमारी जीवनशैली हमें बीमार बना रही है? रजत के इस प्रयोग के नतीजे शायद इन सवालों के जवाब देने में मदद करें.

 सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं 

रजत के इस प्रयोग पर उनके फैंस के साथ-साथ आम लोगों की भी मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. कुछ लोग उनकी हिम्मत की दाद दे रहे हैं, तो कुछ लोग उन्हें पागल कह रहे हैं. कई लोग चिंतित हैं कि कहीं ये प्रयोग उनकी सेहत के लिए खतरनाक ना साबित हो.

 आखिर क्या होगा इस प्रयोग का नतीजा? 

ये तो वक्त ही बताएगा कि रजत का ये प्रयोग कामयाब होगा या नहीं. लेकिन एक बात तो पक्की है, उन्होंने लोगों को अपनी सेहत के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है. और शायद यही उनका असली मकसद था.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)  

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