आजकल लड़कियों को कम उम्र में ही मासिक धर्म शुरू हो जाता है. अब यह 8-10 साल की उम्र में शुरू होने लगता है. इसके साथ ही कई अन्य परेशानियां भी उत्पन्न होने की संभावना है. विशेषज्ञों का कहना है कि इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. लड़कियों को जल्दी मासिक धर्म क्यों शुरू हो जाता है और इससे उन्हें क्या-क्या समस्याएँ होती हैं?
पहला पीरियड जल्दी क्यों आता है?
स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. अंजलि कुमार अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में कहती हैं, 'आजकल लड़कियों का पहला पीरियड जल्दी शुरू हो जाता है. पहले पीरियड की शुरुआत को मेनार्चे कहा जाता है. मेनार्चे आमतौर पर 10 से 16 साल की उम्र के बीच होता है. इन दिनों रजोदर्शन की औसत आयु 12.4 वर्ष है. यह आनुवंशिक कारकों के कारण पहले या बाद में हो सकता है. अगर किसी लड़की की मां या दादी को कम उम्र में मासिक धर्म शुरू हो गया हो तो उनके साथ भी ऐसा हो सकता है. हालांकि, आजकल कई अन्य कारक भी जिम्मेदार हैं.
इन 4 कारणों से कम एज में शुरू हो रहा है पीरियड्स
अधिक स्क्रीन समय
यदि लड़के या लड़कियां किशोरावस्था के दौरान लगातार मोबाइल, टीवी, लैपटॉप स्क्रीन देखते रहते हैं, तो मेलाटोनिन के रिलीज होने में कुछ घंटों की देरी हो सकती है. इससे बॉडी क्लॉक पर असर पड़ता है. यह डीसिंक्रनाइज़ हो सकता है. एक बार जब यह बाधित हो जाता है, तो सभी प्रकार की अस्वास्थ्यकर प्रतिक्रियाएं घटित होने लगती हैं. इनमें हार्मोनल असंतुलन और मस्तिष्क में सूजन प्रमुख हैं. दूसरी ओर, टैबलेट और स्मार्टफोन का नियमित उपयोग हमें अधिक नीली रोशनी के संपर्क में लाता है. इससे हार्मोन का स्तर बदल सकता है. इससे मासिक धर्म जल्दी आने की समस्या हो जाती है.
शारीरिक गतिविधि का अभाव
यह काफी हद तक स्क्रीन टाइम से भी जुड़ा हुआ है. स्क्रीन टाइम बढ़ने से बच्चों की शारीरिक गतिविधि कम हो गई है. गहन शारीरिक प्रशिक्षण और नकारात्मक ऊर्जा संतुलन प्यूबर्टल हाइपोथैलेमिक पिट्यूटरी सेट बिंदु को बदल देते हैं. ये प्रीपुबर्टल चरण को लम्बा खींचते हैं. इससे यौवन और मासिक धर्म में देरी होती है.
फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड की मात्रा बढ़ रही है
खराब पोषण के कारण बच्चे जल्दी युवावस्था में प्रवेश कर जाते हैं. प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों और फास्ट फूड से भरपूर आहार सामान्य शारीरिक विकास को रोकता है. ये खाद्य पदार्थ शरीर में वसा की मात्रा बढ़ाते हैं.
मोटापा भी बन रहा बड़ा कारण
मोटे बच्चे अधिक लेप्टिन स्रावित करते हैं और सेक्स हार्मोन का स्तर बढ़ाते हैं. इससे शीघ्र यौवन हो सकता है. फास्ट फूड के कारण भी बच्चों का वजन बढ़ता है. इस बढ़े हुए वजन का असर लड़कियों के मासिक धर्म पर देखने को मिलता है.
क्या निदान है?
कम उम्र में स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करना बहुत महत्वपूर्ण है. इस दौरान शारीरिक गतिविधि बहुत महत्वपूर्ण है. उदाहरण के लिए, जिमनास्टिक, योग और नियमित व्यायाम करने से मासिक धर्म चक्र कुछ हद तक बढ़ सकता है. साथ ही बचपन से ही पौष्टिक भोजन की आदत डालना भी जरूरी है. उन्हें प्रसंस्कृत और शर्करा युक्त खाद्य पदार्थों के खतरों को भी समझने की जरूरत है.
एक अध्ययन में पाया गया है कि जो बच्चे दिन में छह घंटे से अधिक समय टीवी या कंप्यूटर पर देखते हैं, उनके युवावस्था में प्रवेश करने की संभावना उन लोगों की तुलना में अधिक होती है, जो स्क्रीन पर कम समय बिताते हैं.
तुर्की में गाज़ी विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने चूहों को छह घंटे तक नीली रोशनी (जो स्क्रीन से उत्सर्जित होती है) या 12 घंटे तक उजागर किया और पाया कि प्रकाश विकास में तेजी लाने के लिए पर्याप्त था.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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