World Kindness Day: दया का भाव दिल को हेल्दी और दिमाग को कराता फील गुड, निकलते हैं हैप्पी हार्मोंस

Written By ऋतु सिंह | Updated: Nov 13, 2022, 09:16 AM IST

दया का भाव दिल को हेल्दी और दिमाग को कराता फील गुड, हैप्पी हार्मोंस होते है सेक्रिट 

How to Realease Happy Hormones: अगर आपके अंदर दया भावना है और आप लोगों को माफ करने का दम रखते हैं तो आपके खुश रहने की संभावना ज्यादा होगी.

डीएनए हिंदीः दया का भाव मन और मस्तिष्क दोनों को ही फील गुड कराता है क्योंकि इस भावना से दिमाग में हैप्पी हार्मोंस का स्राव तेज होता है. आज यानी 13 नवंबर को वर्ल्ड काइंडनेस डे और आज के दिन को मनाने के पीछे एक नहीं दो वजहें हैं. 

कांइडनेस यानी दया भाव मानवता का प्रतीक है और दूसरों के प्रति ये भाव रखना खुद के लिए भी फायदेमंद होता है. दया इंसान के अंदर ऐसे केमिकल रिएक्शन पैदा करती है जिससे मन और मस्तिष्क दोनों ही अच्छा महसूस करते हैं. 

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असल में दयाभाव से मस्तिकष्क में डोपामाइन हार्मोन जिसे हैप्पी हार्मोन के रूप में जाना जाता है तेजी से सक्रिय होता है. डोपामाइन हार्मोन जब एक्टिवेट होता है तो इंसान कल्याणकारी कामों के प्रति दिलचस्पी दिखाता है. और यह आपने भी महसूस किया होगा कि किसी की मदद करने के बाद आपको बहुत अच्छा महसूस होता होगा. असल में ऐसा डोपामाइन हार्मोन के कारण ही होता है. तो चलिए जानें कि दयाभाव एक इंसान के लिए क्यों जरूरी है और इससे क्या फायदे होते हैं. 

दया भाव ‘फील-गुड हॉर्मोन’ रिलीज करता है
दया भाव से केवल डोपामाइन ही नहीं, कई तरह के और अच्छे हार्मोस भी निकलते हैं. जब हम दूसरों के लिए अच्छी चीजें करते हैं तो मस्तिष्क में सेरोटोनिन का स्तर बढ़ता है, यह संतुष्टि और भलाई की भावनाओं के लिए जिम्मेदार न्यूरोट्रांसमीटर है. जिस तरब से एक्सरसाइज करने से एंडोर्फिन रिलीज होता है वैसा ही दया भाव से भी होता है. ये एक ऐसा प्रोसेस है जिसे हेल्पर्स हाई (Helpers High) के रूप में जाना जाता है.

स्ट्रेस को कम करता है
स्ट्रेस को कम करने के लिए भी दयाभाव काम आता है. ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी (यूबीसी) की रिपोर्ट के अनुसार स्ट्रेस लो पॉजिटिव अफेक्ट(PA) से जुड़ा होता है. यानी आप लो पाजिटिव अफेक्ट से आपके अंदर क्रियेटिविटी कम होने लगती है. लेकिन जब आप किसे की मदद करते हैं या किसी पर दया भाव रखते हैं तो ये लो पॉजिटिव अफेक्ट, हाई पॉजिटिव अफेक्ट में बदल जाती है और इससे आप खुशी, किसी काम में रुचि और ज्यादा सतर्कता से काम करने लगते हैं. 

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दया भाव आपके दिल के लिए भी अच्छा है
काइंडनेस हॉर्मोन ऑक्सीटोसिन को रिलीज करता है. ऑक्सीटोसिन ब्लड वैसेल में नाइट्रिक ऑक्साइड नामक एक कैमिकल रिलीज करता है, जो ब्लड वैसेल को डाइलेट (फैलता) करता है. यह ब्लड प्रेशर को कम करता है और इसलिए ऑक्सीटोसिन को कार्डियोप्रोटेक्टिव ’हार्मोन के रूप में जाना जाता है क्योंकि ब्लड प्रेशर को कम करके यह हृदय की रक्षा करता है. 

दया भाव बीमारी को रोकता है
जाहिर सी बात है जब आप हेप्पी होंगे तो स्वस्थ महसूस करेंगे. आकपे अंदर काम करने की उर्जा होगी और आप तनाव मुक्त रहकर डायबिटीज से लेकर माइग्रेन, और कैंसर तक से बचें रहेंगे. दया भाव की वजह से सूजन में कमी आती है और ऑक्सीटोसिन भी सूजन को कम करता है.

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यह आपको लंबे समय तक जीने में मदद कर सकता है
आपको यह सुनकर आश्चर्य हो सकता है लेकिन हम यह नहीं कह रहे हैं कि इसे सिद्ध करने के लिए अध्ययन किए गए हैं. कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि अगर आपके पास परिवार और दोस्तों का मजबूत नेटवर्क नहीं है, तो आपको हृदय रोग का अधिक खतरा है. जब आप दूसरों के प्रति दयालु होते हैं, तो आप मजबूत और सार्थक रिश्ते बनाते हैं और लंबा जीते हैं. तो, आगे बढ़ें और कुछ नए दोस्त बनाएं या अपनी करुणा का इस्तेमाल करें और अपने पास पहले से मौजूद लोगों के लिए कुछ स्पेशल करें.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 


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