सुबह का समय दिन की शुरुआत करने का सबसे अच्छा समय होता है. इस समय किया गया योग शरीर और मन दोनों को शांत और स्वस्थ रखने में मदद करता है. महिलाओं के लिए योग का महत्व और भी अधिक है. नियमित रूप से योग करने से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है बल्कि मानसिक तनाव कम करने, हार्मोनल संतुलन बनाए रखने और कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि सुबह के समय महिलाओं के लिए कौन से योगासन फायदेमंद हो सकते हैं.
सुबह के के रूटीन में शामिल करें ये योगासन
सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार पूरे शरीर को एनर्जेटिक और लचीला बनाने में मदद करता है. यह एक ऐसा आसन है जिसमें कई आसन एक साथ किए जाते हैं और यह पूरे शरीर को स्ट्रेच करने का एक बेहतरीन तरीका है.
त्रिकोणासन
यह आसन पाचन तंत्र को मजबूत करने और पीठ दर्द को कम करने में मदद करता है. यह आसन शरीर को लचीला बनाता है और संतुलन में सुधार करता है. इसमें पैरों को कूल्हे की चौड़ाई पर फैलाकर खड़े हो जाएं. दाएं पैर को 90 डिग्री के कोण पर बाहर की ओर मोड़ें और बाएं पैर को थोड़ा अंदर की ओर मोड़ें. दाएं हाथ को जमीन या किसी ब्लॉक पर रखें और बाएं हाथ को सीधा ऊपर की ओर उठाएं.
भुजंगासन
इसे कोबरा पोज भी कहते है. यह आसन रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है और पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है. यह आसन थकान को दूर करने और ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करता है. इसमें पेट के बल लेट जाएं और अपने पैरों को कूल्हे की चौड़ाई पर फैलाएं.अपनी हथेलियों को कंधों के नीचे रखें और कोहनियों को शरीर के पास रखें. धीरे-धीरे अपनी छाती को ऊपर उठाएं और अपनी गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं.
बालासन
यह आसन तनाव को कम करने और शरीर को आराम देने में मदद करता है. यह आसन पीठ दर्द और सिरदर्द को कम करने में भी मदद करता है. इसमें घुटनों को मोड़कर बैठें और पैरों की एड़ियों को आपस में मिला लें. धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें और माथे को ज़मीन पर टिकाएं. हाथों को शरीर के बगल में या आगे की ओर फैलाएं. कुछ सेकंड तक इसी स्थिति में रहें और फिर धीरे-धीरे ऊपर आ जाएं.
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शवासन
यह आसन शरीर और मन को पूरी तरह से आराम देने में मदद करता है. यह आसन योग सत्र के अंत में किया जाता है और शरीर को शांत करने में मदद करता है. इसमें पीठ के बल लेट जाएं और पैरों को थोड़ा फैला लें. अपने हाथों को शरीर के बगल में रखें और हथेलियां ऊपर की ओर रखें. अपनी आंखें बंद करें और धीरे-धीरे सांस अंदर-बाहर करें. अपने शरीर के हर हिस्से को पूरी तरह से आराम दें, जैसे कि आप मर चुके हों.
वृक्षासन
यह आसन संतुलन और एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है. यह आसन पैरों को मजबूत बनाता है और शरीर को स्थिर रखता है. सीधे खड़े हो जाएं और पैरों को कूल्हे की चौड़ाई पर फैलाएं. दाएं पैर को घुटने से मोड़ें और बाएं पैर की भीतरी जांघ पर रखें. दाएं हाथ को हृदय चक्र पर या ऊपर की ओर उठाएं. कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें और फिर धीरे-धीरे नीचे आ जाएं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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