डीएनए हिंदी: शादी के बाद जिंदगी बदल जाती है. वहीं कुछ आदतों को हमें बदलना पड़ता है. लड़का-लड़की दोनों को एक दूसरे के साथ एडजस्ट करना पड़ता है लेकिन कई बार ये एडजस्टंमेंट उनके लिए मुश्किल होता है. लड़की को परिवारवालों के साथ घुलने-मिलने में समय लग जाता है, मन-मुटाव बढ़ने लगते हैं और आगे जाकर यह डिप्रेशन का कारण बनता है. यह हम नहीं एक रिसर्च कह रही है.
रिसर्च के मुताबिक, शादी डिप्रेशन की बड़ी वजह बन रही है और लड़को के मुकाबले लड़कियां इसकी ज्यादा शिकार बन रही हैं. एक्सप्रेस यूके की एक रिपोर्ट के अनुसार, शादी के बाद नए माहौल को समझने और घरवालों की उम्मीदों पर खरा उतरने के चक्कर में लड़कियां सबसे ज्यादा डिप्रेशन का शिकार होती हैं. अगर वे वर्किंग हैं तो जाहिर सी बात है शादी के बाद उनकी जिम्मेदारियां और भी बढ़ जाती हैं. इस स्थिति से वह चाहकर भी नहीं जूझ पातीं, ऐसे में डिप्रेशन होना आम बात है.
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रिसर्च में आगे कहा गया, कई लोग बेहद रिजर्व होते हैं और लोगों से जल्दी घुल-मिल नहीं पाते. ऐसे में जब किसी लड़की की शादी होती है तो नए लोगों से मिलने-जुलने में उन्हें दिक्कत आने लगती है. ऐसे में महिलाएं अपने आपको अकेला महसूस करते हुए तनाव में रहने लगती हैं. इसके दूसरे लक्षणों में एंग्जाइटी, उदासी, नींद में गड़बड़, भूख न लगना, पार्टनर और ससुराल के प्रति निराशा, हताशा, अपने प्रति नए परिवार के व्यवहार पर संदेह होना, जीवन में कुछ न बचने की भावना, बोरियत, खुद को नई जिंदगी का आनंद न लेने का दोषी मानना वगैरह हैं.
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