Fluid Bonding in Sex: सेक्स के वक्त फ्लूइड बॉन्डिंग का क्रेज, क्या सच में बढ़ाता है मजा

ऋतु सिंह | Updated:Dec 12, 2022, 11:08 PM IST

Fluid Bonding in Sex: सेक्स के वक्त फ्लूइड बॉन्डिंग का क्रेज, क्या सच में बढ़ाता है मजा

सेक्स को एंजॉयफुल बनाने के लिए लोग कई तरह के तरीके निकालते हैं. अब एक नया कांसेप्ट सामने आया है फ्लूइड बॉन्डिंग का. क्या है ये फ्लूइड बॉन्डिंग? जान ले

डीएनए हिंदीः सेक्स के वक्त फ्लूइड बॉन्डिंग को लेकर एक नया ही क्रेज चल चुका है. फ्लूइड बॉन्डिंग क्या केवल एक क्रेज या फैंटेसी है या सही में ये इससे इमोशनल बॉडिंग होती है, इसपर सर्वे रिसर्च भी हो चुका है. सेक्स को लेकर जहां पहले बेहद प्रिकॉशन रखने की बात होती थी अब फ्लूइड बॉन्डिंग की बात होने लगी है. 

तो चलिए आपको बताएं कि ये फ्लूइड बॉन्डिंग का कांसेप्ट क्या है और क्यों इसे लेकर एक क्रेज या फैटेसी बढ़ने लगी है. असल में फ्लूइड बॉन्डिंग का सीधा सा मतलब केवल बिना किसी बैरियर या प्रोटेक्शन के सेक्स करना केवल मजे के लिए नहीं है, बल्कि एक इमोशनल अटैचमेंट के लिए भी है. या ये कहें कि ये पूरी तरह से फैंटेसी के लिए है. 

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फ्लूइड बॉन्डिंग क्या है
फ्लूइड बॉन्डिंग में सेक्स दौरान शरीर के कई तरह के द्रव एक-दूसरे के शरीर में ट्रांसफर होते हैं. इस तरह के बॉन्डिंग को फ्लूइड बॉन्डिंग कहते हैं. फ्लूइड बॉन्डिंग व्यक्ति का खुद का फैसला होता है जिसमें कपल ये तय करते हैं कि वे बिना किसी प्रोटेक्शन के सेक्स करेंगे. फ्लूइड बॉन्डिंग में स्पर्म भी वजाइना में डालना एक फैंटेसी का हिस्सा बन चुका है. दावा किय जाता है कि इससे सेक्स में ऑर्गेज्म की प्राप्ति होती है. कुल मिलाकर फ्लूइड बॉन्डिंग में सीमन, लार, ब्लड और इजैकुलेट सभी कुछ शामिल होता है.
  
फ्लूइड बॉन्डिंग लोग क्यों करते हैं?
लोगों का मानना है कि बैरियर मेथेड से वो अपनी सेक्स लाइफ एंजॉय नहीं कर पाता है, लेकिन जो लोग फ्लूइड एक्सचेंज करते हैं वे लोग सिर्फ एक व्यक्ति के साथ कमिटेड रहते हैं. ऐसे लोगों में अगर फ्लूइड बॉन्डिंग होती है तो वे काफी आत्मविश्वास के साथ एक दूसरे के साथ रिलेशनशिप का आनंद लेते हैं, लेकिन इसका कोई प्रमाण नहीं है कि फ्लूइड एक्सचेंज से कोई खास भावनात्मक जुड़ाव होता है.

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क्या बॉडी फ्लूइड ट्रांसफर से इमोशनल बॉन्डिंग बढ़ती है?
कुछ कपल्स का मानना है कि बॉडी फ्लूइड ट्रांसफर करने से हमारे बीच में इमोशनल बॉन्डिंग बढ़ती है. उनका ये भी मानना है कि ऐसा करने से उनके रिश्ते को एक नई दिशा मिलती है. बॉडी फ्लूइड ट्रांसफर करने से डीपर फिजिकल कनेक्शन का एहसास होता है. ऐसे में वे बिना किसी चिंता से सेफ सेक्स करते हैं, लेकिन फिर भी सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन होने का जोखिम तो होता ही है. 

क्या कहती है रिसर्च
न्यूयॉर्क के रोचेस्टर यूनिवर्सिटी में हुए एक अध्ययन में 50 महिलाओं और पुरुषों को शामिल किया गया. जिसमें से 25-25 महिलाओं और पुरुषों के जोड़ों को इंटिमेट होने के लिए कहा गया. 25 कपल्स को सेफ सेक्स करने की हिदायत दी गई, जबकि 25 कपल्स फ्लूइड एक्सचेंज करने के लिए तैयार थे. इंटिमेसी के बाद जब उनसे पूछा गया तो सेफ सेक्स करने वाले कपल्स की तुलना में फ्लूइड ट्रांसफर करने वाले कपल्स एक-दूसरे के साथ ज्यादा इमोशनल बॉन्डिंग महसूस की. इस रिसर्च ने ये निष्कर्ष निकाला कि फ्लूइड बॉन्डिंग से कपल्स में इमोशनल अटैचमेंट बढ़ता है.

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