Know Your Hormone : क्या 'लव' और 'सेक्स' में इतना प्लेज़र मिलता अगर हॉर्मोन Oxytocin  नहीं होता?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 22, 2022, 02:56 PM IST

सांकेतिक तस्वीर

Oxytocin Hormone : हमारे कई सामजिक व्यवहारों के लिए ज़िम्मेदार इस हॉर्मोन की वजह से ही हम भरोसा, मानसिक स्थिरता, रिलैक्सेशन जैसे  मनोभावों को महसूस करते हैं.

डीएनए हिंदी : प्यार हो जाता है पर यूं ही नहीं होता. क्या आप जानते हैं इस प्यार के होने में हमारे शरीर के एक ख़ास हॉर्मोन का भी कमाल है? ऑक्सीटोसिन (Love Hormone Oxytocin) नाम का यह हॉर्मोन प्यार के संकेतों पर गहरा असर डालता है. हमारे कई सामजिक व्यवहारों के लिए ज़िम्मेदार इस हॉर्मोन की वजह से ही हम भरोसा, मानसिक स्थिरता, रिलैक्सेशन जैसे  मनोभावों को महसूस करते हैं. आइए जानते हैं किस तरह काम करता है ये हॉर्मोन और कैसे इसकी वजह से हमें प्यार हो जाता है?

 ऐसे काम करता है Oxytocin
ऑक्सीटोसिन दिमाग में पिट्यूटरी ग्लैंड से निकलता है और स्पाइनल कॉर्ड के साथ-साथ दिमाग के अन्य हिस्सों तक फैलता है. जब ऑक्सीटोसिन (Oxytocin) खून में घुलता है इसकी वजह से गर्भाशय के साथ-साथ लैक्टेशन की प्रक्रिया पर भी असर पड़ता है पर जब दिमाग के भिन्न  कोटरों में यह फैलता है तो लोगों के भावनात्मक तौर तरीकों, समझदारी और सामजिक व्यवहार पर बहुत असर डालता है. 
बहुत सारे शोध से पता चला है कि एंग्जायटी के साथ-साथ स्ट्रेस घटाने में भी इस हॉर्मोन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. ऐसा कई प्रजातियों में देखा गया है. 

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सेक्स और ऑक्सीटोसिन 
वैज्ञानिक शोधों के अनुसार सेक्सुअल गतिविधियों में इस हॉर्मोन (Love Hormone) का बेहद इम्पोर्टेन्ट रोल रहता है.एक्सपर्ट्स के मुताबिक़ इस हॉर्मोन की भूमिका इरेक्शन और ओर्गाज़्म में भी है. स्त्रियों में यह गर्भाशयी गतिविधियों को तेज़ करतब है जो स्पर्म को सही जगह तक पहुंचाने में मदद कर सकता है. कई एक्सपर्ट्स के मुताबिक़ ऑक्सीटोसिन के सेक्रेशन और ऑर्गज़्म का भी आपसी सम्बन्ध है. 

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