डीएनए हिंदी : बिहार के सर्वकालिक कद्दावर नेताओं में एक रहे लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) का निधन हो गया. लालू प्रसाद यादव के साथ विवादों का नाता चोली-दामन का रहा है. उन्हें बिहार के सबसे शक्तिशाली मुख्यमत्रियों में एक माना जाता है. लालू यादव को बिहार में सामाजिक न्याय का अगुआ भी माना जाता है. उनके नेतृत्व में कई बदलाव बिहार ने देखे. राज्य को पहली महिला मुख्यमंत्री देने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है. बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री राबड़ी देवी लालू प्रसाद यादव की पत्नी थीं. बिहार की जनता ने हमेशा लालू-राबड़ी की जोड़ी को बेहद पसंद किया है. आइए जानते हैं उनकी प्रेम कहानी के बारे में...
अरेंज मैरेज थी लालू-राबड़ी की
1956 में पैदा हुई राबड़ी की उम्र लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) से 8 साल कम थी. जब दोनों की शादी हुई थी तब लालू 25 साल के थे और राबड़ी किशोरी ही थीं. राबड़ी के परिवार वाले ऐसा परिवार तलाश रहे थे जहां उन्हें सारी सुख-सुविधाएं मिल सकती थीं पर राबड़ी के पिता ने उनके लालू प्रसाद यादव को पसंद किया क्योंकि उन्हें लालू प्रसाद यादव की समझ बूझ और उनका पढ़ा-लिखा होना उन्हें पसंद आ गया था. दोनों की शादी 1973 में हुई थी. राबड़ी शुरुआत में अपने पति के राजनीति के प्रति रुझानों से बेहद सशंकित थीं. हालांकि उन्होंने लालू यादव का साथ हर परिस्थिति में दिया.
Lalu Prasad Yadav : उठाया था महिला सशक्तिकरण के लिए ज़बरदस्त कदम, Period Leave देने वाले पहले CM थे
राबड़ी का प्रभाव लालू के कुछ शानदार फैसलों पर भी दिखता है
लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) देश के पहले मुख्यमंत्री थे जिन्होंने पीरियड वाली छुट्टी की शुरुआत की थी. उन्होंने 2 जनवरी 1992 को बिहार सरकार की महिला कर्मचारियों के लिए माहवारी/पीरियड लीव की घोषणा की थी. यह उनका क्रांतिकारी कदम था. उन्होंने इसकी शुरुआत तब की थी जब इस विषय में सोचना भी टैबू था.
राबड़ी उनका लकी चार्म थी
राबड़ी देवी लालू यादव (Rabri Devi - Lalu Yadav) का लकी चार्म मानी जाती थीं. पटना विश्वविद्यालय का चुनाव जीतते ही लालू की राजनीति की राह बुलंद हो गई. लोकनायक जय प्रकाश नारायण के सम्पर्क में आने से उनकी राजनैतिक धार और पैनी हुई.
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