डीएनए हिंदी : चरमसुख या Orgasm सेक्स शब्दावलियों में सबसे अधिक कन्फ्यूजन पैदा करने वाले लफ़्ज़ों में एक है. सेक्सुअल हेल्थ को लेकर जागरूक लोग भी सबसे अधिक चर्चा इसे लेकर ही करते हैं. कई स्टडी ने साबित किया है कि ओर्गाज़्म या चरमसुख बेहतर यौनिक स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक है. हालांकि अभी भी इस दिशा में बहुत जानकारियों की तलाश बाक़ी है, ओर्गाज़्म पर होने वाली चर्चाओं ने अपनी वैश्विक उपस्थिति बना ली है.
मानक परिभाषाओं के अनुसार ओर्गाज़्म को कई बार सेक्सुअल एक्साइटमेंट की चरम अवस्था के तौर पर इंगित किया जाता है तो कई बार यह सेक्स के दौरान हासिल हुए असीम प्लेज़र और सेंसेशन के तौर पर देखा जाता है. आइए जानते हैं कि क्यों और कैसे शरीर को इसकी जानकारी मिलती है? यह किस वजह से हासिल होता है...
एक ख़ास हॉर्मोन देता है Orgasm का पता
शरीर में जब एंडोर्फिन हॉर्मोन स्त्रावित या रिलीज़ होता है तो पूरी देह को बेहद अच्छा लगता है. इस गुण की वजह से इस हॉर्मोन को फ़ील गुड हॉर्मोन भी कहा जाता है. इस हॉर्मोन के रिलीज़ होने के पास बहुत ख़ुशी, नींद और आराम का अहसास होता है. गौरतलब है कि चरम सुख या orgasm केवल सेक्स करने से नहीं हासिल होता है. यह हस्त मैथुन (Masturbation) से भी हासिल होता है. कई लोगों में ओर्गाज़्म डिसऑर्डर भी होता है. मसलन, पुरुषों में जाने वाला शीघ्रपतन ओर्गाज़्म डिसऑर्डर ही है. Orgasm Disorder की यह समस्या औरतों को भी हो सकती है.
अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के मुताबिक़ शरीर जब सबसे अधिक प्लेज़र की अवस्था में होता है तो इसमें ऐंठन पैदा होती है और पेरिनेल मसल के साथ-साथ जननांग एक लय में सिकुड़ते हैं. इस दरमियान एंड्रोफिन हॉर्मोन का स्त्राव होता है.
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औरतों और मर्दों के Orgasm अनुभव
मर्दों को जब चरमसुख मिलता है तो वे इजैकुलेट करते हैं अर्थात उनके लिंग से सीमेन का स्त्राव होता है, वहीं औरतों को जब ओर्गाज़म हासिल होता है तो उनकी योनी की अंदरूनी दीवारें सिकुड़ने लगती हैं.
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