डीएनए हिंदी : हमारे शरीर की भिन्न प्रक्रियाएं हॉर्मोन के द्वारा संचालित होती हैं. इन्हें बॉडी का कैटेलिस्ट कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. वास्तव में हॉर्मोन बदन के केमिकल मैसेंजर होते हैं जो शरीर की कई प्रक्रियाओं मसलन भूख, नींद और शारिरिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इन हॉर्मोन में सेक्स हॉर्मोन की ख़ास जगह होती है. वे न केवल सेक्सुअल ओरिएंटेशन निर्धारित करने में सहायक होते हैं बल्कि प्रजनन की प्रक्रियाओं में भी बड़ा रोल प्ले करते हैं.
Sex Hormones क्यों हैं बेहद ख़ास
देह के यौनिक विकास और प्रजनन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हॉर्मोन मूलतः एड्रेनल ग्लैंड्स और जननांग (Gonads) में पाए जाते हैं. औरतों में सेक्स हॉर्मोन ओवरीज़ में पाए जाते हैं, वहीं पुरुषों में यह उनके टेस्टिकल्स में मिलते हैं. ये हॉर्मोन न केवल सेक्स करने की चाह के लिए ज़िम्मेदार होते हैं बल्कि वयस्कता भी इनकी वजह से ही आती है.
सेक्स हॉर्मोन हड्डियों के ग्रोथ के साथ-साथ मांसपेशियों के विकास में भी भूमिका निभाते हैं. वे कोलेस्ट्रॉल लेवल दुरुस्त करते हैं और बालों के बढ़ने का कारण भी बनते हैं. गौरतलब है कि ताज़िन्दगी इन हॉर्मोन का स्तर ऊपर-नीचे होता रहता है.
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कौन-कौन से हॉर्मोन माने जाते हैं Sex Hormones
स्त्रियों और पुरुषों में सेक्स हॉर्मोन अलग-अलग होते हैं. औरतों के सेक्स हॉर्मोन (Female sex hormones) क्रमश: एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरॉन होते हैं वहीं पुरुषों में टेस्टेस्टेरॉन पाया जाता है. हालांकि महिलाओं के शरीर में भी बेहद कम मात्रा में टेस्टेस्टेरॉन हॉर्मोन मौजूद रहता है. इन तमाम हॉर्मोन्स में एस्ट्रोजेन सबसे अधिक मशहूर सेक्स हॉर्मोन है. किशोरावस्था या प्यूबर्टी में पहुंचते ही यह हॉर्मोन शरीर के यौनिक विकास से लेकर सेक्स ड्राइव तक नियंत्रित करने लगता है. औरतों में टेस्टेस्टेरॉन की वजह से ही पीरियड्स आते हैं.
वहीं पुरुषों में यह सेक्स ड्राइव से लेकर(libido), बोन मास, मसल मास, शारीरिक मज़बूती, रेड ब्लड सेल और स्पर्म की संख्या तक निर्धारित करता है.
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