डीएनए हिंदी : Sex Tips from Ayurveda : आयुर्वेद में सेक्स को त्रियोपस्तम्भम के रूप में जाना जाता है. इसका अर्थ यह हुआ कि इसे जीवन जीने के लिए आवश्यक तीन चीज़ों में से एक माना जाता है. अक्सर प्रजनन या फिर प्लेज़र के साथ जोड़े जाने वाले सेक्स के बारे में आयुर्वेद का कहना है कि नींद और भूख की तरह सही सेक्सुअल एक्टिविटी भी ज़िंदगी के लिए बेहद अहम् है. आयुर्वेद के अनुसार जो लोग स्वस्थ सेक्स लाइफ (Maintaining Sexual Health) बरक़रार रखते हैं, उनकी समझ-बूझ, बौद्धिकता और शारीरिक क्षमता बढ़ती है साथ ही लंबा जीवन भी मिलता है, पर सेक्स करने के लिए भी समय और ऋतुओं के हिसाब से कुछ ख़ास टिप्स हैं.
Sex Tips & Weather : बदलते मौसम में ध्यान रखें इन चीज़ों का
अलग-अलग मौसम में सेक्स करने के लिए अलग-अलग समय निर्धारित किए गए हैं. आयुर्वेद के अनुसार जाड़े में घोर संतुष्टि वाले सेक्स की बात की गई है जबकि गर्मियों में ठीक इसके उलट बताया गया है.
बारिश के दिनों में जब शरीर की स्ट्रेंथ थोड़ी कम होती है, तब बहुत अधिक सेक्स करना उचित नहीं समझा जाता है. यह शरीर में वात की समस्या को बढ़ा सकता है. इन दिनों में पंद्रह दिनों में केवल एक बार सेक्स करना चाहिए.
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Sex & Food : खाना खाने के तुरंत बाद न करें सेक्स
आयुर्वेद सेक्स और खाने के बीच भी एक ज़रूरी कड़ी स्थापित करता है. माना जाता है कि यौन क्रियाएं कभी भी खाना पूरा हजम किए हुए और पूरी तरह खाली पेट में नहीं करना चाहिए. अच्छी तरह नहाकर सम्भोग करना सबसे उत्तम माना जाता है. सेक्स करने के बाद ठंडी हवा में बैठना, ठंडा पानी, दूध, सूप पीना अच्छा माना जाता है. यह वात दोष से उबरने में मदद कर सकता है. सेक्स करने के बाद सोना भी अच्छा माना जाता है. इससे शरीर की थकान दूर होती है.
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