डीएनए हिंदी: Death anniversary of Mumtaz Mahal: मोहब्बत की इमारत ताजमहल ही है और इसे देखने लोग दुनियाभर से आते हैं. 7 अजूबों में शुमार ये ताजमहल मुमताज महल और शाहजहां के प्याोर की निशानी है. 5वें मुगल शासक शाहजहां ने अपनी बेगम से बेइंतहा प्यायर करते थे. तो चलिए आज शाहजहां और मुमताज से जुड़ें कई किस्सोंी के बारे में जानें.
अर्जुमंद बानो था मुमताज महल का असली नाम
मुमताज का जन्म 27 अप्रैल 1593 को आगरा में हुआ था. उनका असली नाम अर्जुमंद बानो था. उनकी पिता अबू-हसन असफ खान और मां का नाम दीवानजी बेगम था.मुमताज के पिता आसफ खान एक अमीर फारसी रईस थे जो मुगल साम्राज्य में आला पद पर थे.
मीना बाजार में हुआ था पहली बार दीदार
शाहजहां ने मुमताज़ को पहली बार मीना बाज़ार में देखा था. शाहजहां, मुमताज को पहली बार देखकर ही अपना दिल दे बैठे थे. उस वक्तो मुमताज़ 14 और शाहजहां 15 बरस के थे. इसी उम्र में दोनों की सगाई भी हो गई और करीब 5 बरस बाद दोनों की शादी हुई थी.
केवल 19 साल का था मुमताज-शाहजहां का साथ
शाहजहां की और मुमताज के अलावा और भी कई बेगम थीं, लेनि सबसे ज्यामदा प्यामर शाहजहां को मुमताज से ही था. इन दोनों के प्यार की निशानी ने उनके 13 बच्चे. साल 1631 में जब वो 14वें बच्चे की मां बनने वाली थी उस समय शाहजहां अपनी फौज के साथ एक जहान लोदी की चढ़ाई पर थे. इस समय उनके साथ मुमताज भी थीं और करीब वह 787 किमी किया था चली थीं. तभी मुमताज़ को पेन शुरू हो गया और करीब 30 घंटे के लेबर पेन को वह सह नहीं सकी और उनकी मौत हो गई. मुमताज़ और शाहजहां का साथ केवल 19 साल का ही था. शाहजहां के दरबार में 2 बरस तक मुमताज की मौत का शोक मनाया गया था.
इसलिए ताजमहल बनाया युमना के तीर
मुमताज जब आगरा में रहती थीं तो वो यमुना नदी के किनारे मौजूद बाग में अक्सर जाया करती थीं और वहां रहना उन्हेंब बहुत पंसद था. शाहजहां उसी जगह पर अपनी पत्नी मुमताज की याद में ताजमहल बनावाया.