Sex Disease: सेक्‍सुअली एक्टिव म‍हिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की वजह है ये वायरस, जानें इसके लक्षण और बचाव

Written By ऋतु सिंह | Updated: Sep 03, 2022, 09:58 PM IST

सेक्‍सुअली एक्टिव म‍हिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की वजह है ये वायरस

Sexually Active Women Disease: सेक्‍सुअली एक्टिव महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर सबसे ज्‍यादा होता है और इसके पीछे कारण एक वायरस है. हालांकि इस कैंसर से बचाव के लिए पहली स्वदेशी वैक्सीन क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमा वायरस वैक्सीन (qHPV) आ गई है. महिलाओं को ही ये वायरस क्‍यों अटैक करता है इसके पीछे कई कारण है. तो चलिए इस कैंसर के लक्षण, कारण और बचाव से जुड़ी पूरी डिटेल जानें.

डीएनए हिंदी: ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HPV) वो खतरनाक वायरस है जो सेक्‍स से फैलता है. ये वायरस महिला और पुरुष दोनों में यौन संचारित संक्रमण (STI) का कारण बनता है. हालांकि इससे प्रभावित सबसे ज्‍यादा महिलाएं होती हैं क्‍यों‍कि ये वायरस बच्‍चेदानी के मुंह के कैंसर यानी सर्वाइकल कैंसर का कारण बनता है. 

एचपीवी वायरस कैसे फैलता है और इससे कैसे बचा जा सकता है यह जानना बेहद जरूरी है. इसके (HPV Symptoms) लक्षण जल्‍दी पकड़ में नहीं आते. लेकिन इनके संकेतों के बारे में जानकारी रहे तो आप इसे समय रहते पकड़ सकते हैं.  

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC-WHO) के मुताबिक अकेले देश में 1.23 लाख सर्वाइकल कैंसर के मामले हर साल सामने आते हैं और इसमें 67 हजार  महिलाओं की मौत की वजह बनते हैं. ये देश में होने वाले कैंसर में दूसरे नंबर पर है. 

सर्वाइकल कैंसर क्या है?
महिलाओं के यूट्रस यानी गर्भाशय के मुंह यानी सर्विक्स (Cervix) पर जब असमान्‍य रूप से सेल्‍स जमा होने लगती हैं तब ये कैंसर होता है. फिजिकल रिलेशन  इसकी बड़ी वजह है. ज्‍यादातर मामले ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) के अलग-अलग तरह के स्ट्रेन्स की वजह से होते हैं. इस कैंसर का खतरा 35 से 44 साल की महिलाओं को ज्‍यादा होता है. सर्वाइकल कैंसर होने में आमतौर पर 10-15 साल लगते हैं. इसके लक्षणों पर नजर रखना 35 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं के लिए बेहद जरूरी है.

इन महिलाओं को होता है ज्‍यादा खतरा
जिन महिलाओं का एक से अधिक पार्टनर संग फिजिकल रिलेशन हो.
इम्यूनिटी जिनकी बेहद कमजोर हो. 
बहुत ज्‍यादा या लगातार पांच साल तक गर्भनिरोध का इस्‍तेमाल करना. 
सिगरेट और शराब पीने की आदी महिलाओं में. 

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
फिजिकल रिलेशन बनाने के बाद ब्लीडिंग का आना या सामान्य से ज्यादा ब्‍लीडिंग का हो रही है तो डॉक्‍टर से तुरंत संपर्क करें. अगर शरीर के कुछ खास हिस्से जैसे जंघा, हाथ पैर और जननांगों में मस्से (Skin Warts) होने लगते हैं. यह बाद में जाकर कैंसर (Cancer) का खतरा भी बना सकते हैं. वहीं अगर आपको हमेशा कमजोरी लग रही है तब भी डॉक्टर को दिखाएं. 

सर्वाइकल कैंसर का पता इस टेस्‍ट से मिलेगा 
पैप स्मिअर टेस्ट (pap smear test) और HPV टेस्ट से सर्वाइकल कैंसर का पता चलता है. अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के मुताबिक 25 से 65 साल की महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर का टेस्ट करवाना चाहिए. हर 5 साल या हर 3 साल में ये टेस्ट महिलाओं को जरूर करवाना चाहिए. 

वैक्‍‍सीन का असर कितना होगा
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन में इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल एंड पीडियाट्रिक ऑनकोलॉजी की एक रिपोर्ट के मुताबिक HPV वैक्सीन पर 3 साल तक स्टडी की गई, जिसमें ये 95.8% असरदार साबित हुई. महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर और वल्वर कैंसर से बचाने में ये वैक्सीन 100% तक असरदार है। हाल ही में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी (DBT) ने मिलकर इस वैक्‍सीन को बनाया है और जल्द ही मार्केट में बिकना शुरू हो जाएगी.
 

Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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