13 नंबर से डरती है दुनिया, जानिए क्यों नहीं होती इमारतों में 13वीं मंजिल और होटलों में रूम नंबर-13

चंडीगढ़ शहर में सेक्टर-13 नहीं है. होटलों में 13 नंबर का कमरा नहीं होता. इमारतों में 13वीं मंजिल नहीं होती है. 13 नंबर में ऐसा क्या है?

| Updated: Jan 17, 2022, 03:40 PM IST

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पश्चिमी देशों में खासतौर पर 13 नबंर को अशुभ माना जाता है. इसके पीछे प्रमुख वजह ईसाइयों की एक धारणा है. मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि एक बार यीशू मसीह को किसी व्यक्ति ने धोखा दे दिया था. उसने पहले यीशु के साथ बैठकर खाना खाया. उनके साथ अच्छे से बात की और बाद में विश्वासघात. वह व्यक्ति 13 नंबर की कुर्सी पर बैठा हुआ था. इस घटना के बाद अमेरिका और यूरोपीय देशों में 13 अंक को ही अशुभ माना जाने लगा. 

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इसके बाद से 13 नंबर को लेकर एक तरह का डर भी दुनिया भर में पसर गया. यह डर एक तरह का फोबिया है. 13 नबंर से लगने वाले इस डर को Triskaidekaphobia कहा जाता है. इसलिए खासकर पश्चिमी देशों के होटल में न तो 13 नंबर का कमरा होता है और न ही वहां 13वीं मंजिल बनाई जाती है. 12वीं मंजिल के बाद सीधे 14वीं मंजिल होती हैं.

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अब सवाल उठता है कि भारत में ऐसा क्यों होता है? दरअसल सभी बड़े होटल या इमारत इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के अनुसार बनाई जाती हैं. यही वजह है कि वेस्टर्न कंट्रीज की तरह एशियाई देशों में भी होटलों में 13 नंबर के कमरे नहीं बनाए जाते ना ही किसी इमारत में 13वीं मंजिल.

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फ्रांस में 13 नंबर को लेकर कई तरह के अंधविश्वास हैं. यहां टेबल पर 13 कुर्सियों का होना भी अनलकी माना जाता है. अगर आप चंडीगढ़ के बारे में किसी से पूछें तो आपको पता चलेगा कि देश के इस पहले प्लांड शहर में भी सेक्टर-13 नहीं बनाया गया है.