डीएनए हिंदी: देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई द्वारा 3 अक्टूबर से मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक शुरू हुई. इस बैठक का फैसला आज आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्वारा दिया गया है. रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान किया. गवर्नर शक्तिकांत दास ने ऐलान किया कि इस बार भी बैठक में फैसला लिया गया है कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कि रेपो रेट में बढ़ोतरी का असर अर्थव्यवस्था पर दिख रहा है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी की बैठक के बाद अपने संबोधन के दौरान कहा कि जोखिम समान रूप से संतुलित होने के बीच वास्तविक जीडीपी या वृद्धि दर 6.5% रहने का अनुमान है, दूसरी तिमाही में इसके 6.5%, तीसरी तिमाही में 6% और चौथी तिमाही में 5.7% रहने का अनुमान है. वित्त वर्ष 24 की अप्रैल-जून तिमाही में भारत की जीडीपी 7.8% बढ़ी, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में 13.1% की वृद्धि दर देखी गई थी. शक्तिकांत दास ने कहा कि 2023-24 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित छोड़ दिया गया है.
एमपीसी पर शक्तिकांत दास ने कही यह बात
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बुधवार से शुरू हुई तीन दिन की बैठक में किये गये निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी के सभी छह सदस्यों ने परिस्थितियों पर गौर करने के बाद आम सहमति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के लिये आर्थिक वृद्धि का इंजन बना हुआ है लेकिन आत्मसंतुष्टि की गुंजाइश नहीं है. एमपीसी मुद्रास्फीति को लेकर जरूरत के अनुसार कदम उठाएगी.
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