तनाव, घरेलू हिंसा... आखिर क्यों हर दिन भारत की 61 औरतें कर रही हैं Suicide?

भारत की महिलाओं के तनाव में रहने से जुड़ी रिपोर्ट्स अक्सर आती हैं. भारत में हर साल महिलाओं की आत्महत्या के आंकड़े डरावने और चिंतित करने वाले हैं.

भारत में महिलाओं की आत्महत्या की संख्या बहुत डरावनी है. NCRB (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) के आंकड़े देखें तो 2020 में 22,373 गृहणियों ने आत्महत्या की. ये आंकड़े डरावने हैं. 

2020 में 22,372 Housewives ने मौत को लगाया गले 

2020 में देश की 22,372 गृहणियों ने आत्महत्या की थी. इसका मतलब है कि एक दिन में 61 सुसाइड की घटनाएं हुईं.  2020 में भारत में कुल 1,53,052 सुसाइड के मामले दर्ज किए गए थे. इसमें 14.6% गृहणियां थीं और खुदकुशी करने वाली कुल महिलाओं में ये 50% से अधिक थीं.

भारतीयों में आत्महत्या की प्रवृत्ति चिंताजनक

वैश्विक स्तर पर भारत में सबसे ज्यादा सुसाइड होते हैं. दुनिया में भारतीय पुरुषों के सुसाइड की एक तिहाई हिस्सेदारी है जबकि 15-39 साल के ग्रुप में सुसाइड केस में 36 फीसदी भारतीय महिलाएं होती हैं. ये आंकड़े एक समाज के तौर पर निराशाजनक हैं.

घरेलू हिंसा बड़ी वजह हो सकती है

सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं की अलग-अलग रिपोर्ट में, इससे जुड़े विश्लेषण आते रहते हैं. सामान्य तौर पर सभी रिपोर्ट में यह माना गया है कि महिलाओं के तनाव की बड़ी वजह घरेलू हिंसा है. इसी साल हुए सरकारी सर्वे में 30% महिलाओं ने घरेलू हिंसा की बात स्वीकार की थी. 

Mental Health पर बात करने की जरूरत

भारत में अभी भी मानसिक स्वास्थ्य को लेकर वैसी जागरुकता नहीं आई है. पिछले कुछ सालों में स्थिति बदली जरूर है लेकिन अभी बहुत प्रयास की जरूरत है. घरों में भी मेंटल हेल्थ पर बात करने और मानसिक बीमारी को समझने की जरूरत है.

तनाव के संकेत पहचानें, अपनों की देखभाल करें 

मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सतर्कता और संवेदनशीलता जरूरी है. दफ्तर हो या घर, अगर आपको कोई अपना तनाव में दिखे, तो उसकी मदद करें. बातचीत और प्यार से तनाव या डिप्रेशन को भी कम किया जा सकता है.