डीएनए हिंदी: 3डी प्रिंटिंग से कई ऐसे काम किए जा सकते हैं जो आमतौर लगभग नामुमकिन लगते हैं. वैज्ञानिकों ने 3D प्रिंटर्स (3D Printers) की एक ऐसी टीम तैयार कर डाली है जो ड्रोन की तरह उड़ जाते हैं और हवा में रहते हुए ही इमारतों को रिपेयरिंग का काम कर सकते हैं. सिविल इंजीनियरिंग (Civil Engineering) की दुनिया में यह कदम बहुत बड़ा साबित हो सकता है. इससे उन इलाकों में भी घर और इमारतें बनाई जा सकती हैं जहां आना-जाना और बिल्डिंग मैटीरियल ले जाना मुश्किल होता है.
वैज्ञानिकों की यह खोज छत्ते बनाने वाली मधुमक्खियों से प्रेरित है. जैसे मधुमक्खियां बार-बार मैटीरियल लेकर आती हैं और अपना छत्ता तैयार करती हैं ठीक वैसे ही ये ड्रोन वाले 3डी प्रिंटर्स धीरे-धीरे मटीरियल जुटाकर निर्माण करते हैं. आपको बता दें कि इन दिनों कई क्षेत्रों में 3डी प्रिंटिंग का जबरदस्त इस्तेमाल होने लगा है. ऐसे में वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि मेंटिनेंस और कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में भी इसका इस्तमाल किया जा सकता है.
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मधुमक्खियों के तरह काम करते हैं ये रोबोट
इस टेक्नोलॉजी के बारे में 'नेचर' नाम के जर्नल में छापा गया है. इसे एरियल एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (एरियल-एएम) दिया गया है जो कि एरियल रोबोट का इस्तेमाल करती है. ये रोबोट मधुमक्खियों की तरह-तरह बार-बार मैटीरियल इकट्ठा करके लाते हैं और निर्माण करते रहते हैं. इस रिसर्च पेपर में कहा गया है, 'इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भविष्य में निर्माण क्षेत्र में किया जा सकता है.'
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इसे इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के रिसर्चर्स ने तैयार किया है. एक बार कमांड देने के बाद ये रोबोटिक ड्रोन अपने आप काम करते रहते हैं. हालांकि, काम की प्रगति की मॉनिटरिंग करने के लिए एक शख्स मौजूद होता है. प्रोजेक्ट से जुड़े प्रोफेसर मिरको कोवाक कहते हैं, 'हमने साबित किया है कि ये रोबोट अपने-आप एक तय प्लान पर काम कर सकते हैं और कंस्ट्रक्शन और रिपेयरिंग को बखूबी अंजाम दे सकते हैं.'
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