डीएनए हिंदी: ऐसे बेहद कम मौके आए हैं जब जुपिटर (Jupiter) धरती की कक्षा (Orbit) से बेहद नजदीक से गुजरा होगा. करीब 59 साल बाद एक बार फिर जुपिटर धरती (Earth) के नजदीक से गुजरा है. धरती और जुपिटर के बीच दूरी करीब 600 मिलियन है लेकिन आज यह दूरी 36 मिलियन तक सिमट गई है. अब अगली बार जुपिटर और धरती के बीच सबसे कम दूरी 107 साल बाद 2129 में होगी.
यही वजह है कि जुपिटर शाम 5.29 बजे से आसमान में नजर आ रहा है. यह ग्रह 27 सितंबर को सुबह 5.31 तक नजर आएगा. आसमान में जुपिटर -2.9 मैग्नीट्यूड (Magnitude) के साथ बेहद चमक रहा है. जुपिटर की खासियत है कि इस ग्रह के कुल 53 उपग्रह हैं. यानी जुपिटर की परिक्रमा 53 चंद्रमा करते हैं.
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59 साल बाद दिख रहा अद्भुत नजारा
बृहस्पति सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा पूरा करने में 11 साल से अधिक समय लेता है. परिक्रमा के दौरान ही यह ग्रह सूर्य के विपरीत दिशा में एक बिंदु पर पहुंच जाता है, जहां इसे पृथ्वी से देखा जा सकता है. दिलचस्प बात यह है कि आज जुपिटर अपनी कक्षा में एक ऐसी स्थिति में पहुंचेगा जब इसकी दूरी धरती से सबसे नजदीक होगी. यह नजारा करीब 59 साल बाद देखने को मिलता है.
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आसमान में चमकता रहेगा जुपिटर
सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह आकाश में -2.9 मैग्नीट्यूड के साथ नजर आएगा जिसकी वजह से यह ग्रह और ज्यादा चमकीला और बड़ा नजर आएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह ग्रह आज शाम 5:29 बजे से कल सुबह 5:31 बजे तक पूरी रात आसमान में चमकता रहेगा.
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कैसे दिखेगा अंतरिक्ष का यह दुर्लभ नजारा?
जुपिटर ग्रह को किसी अच्छे दूरबीन से देखा जा सकता है. वेधशालाओं में भी इसे देखा जा सकता है. जिन जगहों पर आसमान साफ हो और थोड़ी ऊंचाई हो वहां से भी जुपिटर को देखा जा सकता है. अंतरिक्ष में यह नजारा कई दिनों तक दिखने वाला है.
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