डीएनए हिंदी: दुनिया के सबसे बड़े जहाज टाइटैनिक (Titanic) के डूबने की दास्तान तो सबने ही सुनी है. इसी टाइटैनिक के मलबे के पास साल 1998 में पहली बार एक अप्रत्याशित सोनार "ब्लिप" का पता चला था जिसकी पहचान को लेकर काफी मशक्कत हुई थी लेकिन अब इस रहस्यमयी चीज का पता चल गया है.
एक अनुभवी खोजकर्ता पीएच नार्गोलेट ने पहली बार ब्लिप देखा था, उन्होंने एक बयान में कहा था कि वे क्या खोज रहे हैं यह बात उन्हें भी नहीं पता है. सोनार पर यह एक और जहाज़ की तबाही होने की संभावना सहित कई चीजें हो सकती थी. उन्होंने कहा था कि मैं सोनार पर बहुत पहले दिखाई देने वाली इस बड़ी वस्तु का पता लगाने का मौका तलाश रहा हूं.
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ओशनगेट अभियान दशकों से टाइटैनिक की स्थिति का दस्तावेजीकरण करने के लिए एक पनडुब्बी में चालक दल भेजता रहा है. इस साल की एक यात्रा के दौरान एक टीम ने पौराणिक मलबे के पास विसंगति की जांच की थी. यह कोई अन्य जहाज़ की तबाही नहीं थी. टीम ने 2,900 मीटर (9,514 फीट) की गहराई पर एक अप्रत्याशित ज्वालामुखी गठन की खोज की.
ओशनगेट एक्सपेडिशन के मुख्य वैज्ञानिक डॉ स्टीव डब्ल्यू रॉस एक समाचार विज्ञप्ति में कहा, "हम स्पंज, बांस कोरल, अन्य ठंडे पानी के कोरल, स्क्वाट लॉबस्टर और मछलियों की विविधता और घनत्व पर चकित हैं जो उत्तरी अटलांटिक महासागर में 2900 मीटर गहराई पर पनप रहे हैं."
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यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना विलमिंगटन सेंटर फॉर मरीन साइंस में एक शोध प्रोफेसर रॉस ने कहा, "इस पहले के अज्ञात पारिस्थितिकी तंत्र को उजागर करने से टाइटैनिक पर और उसके आसपास समुद्री जीव विज्ञान की तुलना करने का अवसर भी मिलता है." इस साल की शुरुआत में ओशनगेट ने टाइटैनिक से पहली बार 8K फुटेज जारी किया जिसमें मलबे को बिगड़ते हुए दिखाया गया था.\
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