क्या होता है Solar Storm, नासा ने दी है धरती से टकराने की चेतावनी, ठप हो सकते हैं मोबाइल और इंटरनेट

What is Solar Storm: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने चेतावनी दी है कि आज रात एक बड़ा सौर तूफान (Solar Storm) धरती से टकरा सकता है. इसके बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने भी अपने यहां अलर्ट जारी कर दिया है.

What is Solar Storm: मोबाइल और इंटरनेट आज की तारीख में सबसे अहम जरूरत बन गए हैं. शायद ही कोई व्यक्ति इन दोनों के बिना रह सकता है. यहां तक कि इनके बिना उद्योग-धंधों तक के संचालन के बारे में नहीं सोचा जा सकता है. लेकिन आज रात हो सकता है कि ये दोनों ही चीजें पूरी तरह ठप हो जाए. दरअसल अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने रविवार रात को धरती से एक बड़े सौर तूफान (Solar Storm) के टकराने की चेतावनी जारी की है. नासा का कहना है कि इस तूफान के चलते कम्युनिकेशन सिस्टम पूरी तरह ठप हो सकता है. इसके बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने भी अपने यहां अलर्ट जारी कर दिया है. ISRO के वैज्ञानिकों ने भारतीय सैटेलाइट ऑपरेटरों को भी सौर तूफान के असर से सतर्क रहने के लिए कहा है. आइए आपको बताते हैं कि क्या चेतावनी है और सौर तूफान क्या होता है.

पहले जान लीजिए क्या होता है सौर तूफान

आप सभी जानते हैं कि सूर्य से वायुमंडल में अपनी सौर फ्लेयर्स भेजी जाती है, जो पृथ्वी पर भी जीवन का कारण है. जब सूर्य के जलते हुए गोले में विक्षोभ यानी Disturbance पैदा होता है तो ये सौर फ्लेयर्स (Solar Flair) अचानक बहुत ज्यादा मात्रा में बाहर निकलने लगती है. सौर ऊर्जा (Solar Energy) के इस तूफान को ही सौर तूफान (Solar Storm) कहा जाता है. यह सौर तूफान पृथ्वी और उसके मैग्नेटोस्फीयर सहित पूरे सौर मंडल को प्रभावित करता है. इसके चलते थोड़े समय के लिए पूरे अंतरिक्ष के हालात बदल जाते हैं. 

सौर तूफान से कैसे ठप हो जाता सबकुछ

सौर तूफान से अंतरिक्ष में बड़े पैमाने पर तीव्र भू-चुंबकीय और ऊर्जावान कण निकलते हैं. इन मैग्नेटिक सोलर पार्टिकल्स के कारण कम्युनिकेशन सिग्नल्स नष्ट होने लगते हैं. इसके चलते ही रेडियो ब्लैकआउट जैसी स्थिति पैदा होती है. इससे सैटेलाइट्स, वायुयान आदि जैसे उपकरण अस्थायी रूप से अक्षम हो सकते हैं. 

आज रात भी हो सकता है कम्युनिकेशन सैटेलाइट्स को नुकसान

भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान की निदेशक डॉ. सुब्रमण्यन के हवाले से NDTV की रिपोर्ट में इस सौर तूफान की चेतावनी दी गई है. इसमें कहा गया है कि पृथ्वी की ओर आने वाला सौर तूफान सैटेलाइट्स को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे कम्युनिकेशन सिस्टम ठप हो सकते हैं. सूर्य पर ऊर्जा के अचानक विस्फोट से सौर मंडल में प्रक्षेपित हुए सौर कणों के कारण यह स्थिति बन सकती है. 

मई में भी पैदा हुए थे ऐसे हालात

रिपोर्ट में कहा गया है कि सूर्य पर कुछ दिन पहले जो सौर ऊर्जा का विस्फोट हुआ था, वो मई में हुए विस्फोट जितना ही ताकतवर था. इसके चलते तेज सौर तूफान निकला है, जो पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र (मैग्नेटोस्फीयर) को प्रभावित कर सकता है. चुंबकीय क्षेत्र में बड़ी गड़बड़ी के कारण रेडियो ब्लैक आउट और बिजली की कटौती जैसे प्रभाव हो सकते हैं. डॉ. सुब्रमण्यन ने फिलहाल इस सौर तूफान पर और रिसर्च चलने की बात कही है. 

6 अक्टूबर की रात संभावित, लग सकते हैं ज्यादा भी दिन

रिपोर्ट में कहा गया है कि सौर तूफान के टकराने पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में हुए बदलाव की निगरानी की जा रही है. फिलहाल इसके 6 अक्टूबर की रात को टकराने की संभावना है, लेकिन हम देखेंगे कि इसे टकराने में कितने दिन लगते हैं. सौर तूफान से पृथ्वी पर सीधा कोई नुकसान नहीं होगा, क्योंकि फिलहाल पृथ्वी का वायुमंडल और चुंबकीय क्षेत्र उसके और पृथ्वी के बीच में बफर जोन की तरह काम करता है और कुछ भी नुकसान होने से बचाता है.

कब आया था आज तक का सबसे बड़ा सौर तूफान

आज तक का सबसे बड़ा सौर तूफान वैज्ञानिकों के हिसाब से सितंबर, 1859 में आया था. हालांकि उस समय इतने एडवांस उपकरण नहीं होने के चलते उस सौर तूफान के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन यह माना जा रहा है कि उस सौर तूफान ने मानव सभ्यता की स्थिरता को पर्याप्त खतरे में डाल दिया था.