डीएनए हिंदी: आज के समय कुछ युवा बॉडी बनाने के लिए सप्लीमेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं. कई बार सप्लीमेंट का ज्यादा इस्तेमाल उनके लिए भारी पड़ जाता है. ऐसा ही एक मामला दिल्ली में सामने आया, जहां 22 वर्षीय युवक को बेहद कम ऑक्सीजन स्तर के कारण अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. इसकी वजह जिम सप्लीमेंट का अत्यधिक सेवन करने के बाद युवक का ऑक्सीजन लेवल बिगड़ना था.
जांच में सामने आया है कि बॉडी बनाने के चलते ये युवक आर्टिफिशियल प्रोटीन पाउडर और जिम सप्लीमेंट का ज्यादा इस्तेमाल करता था. ऑक्सीजन का स्तर बेहद कम होने के कारण, उसे वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत पड़ी और फिर उसे तुरंत आईसीयू में ले जाया गया, जहां उसे एक सप्ताह तक भर्ती रखा गया. फिलहाल उसे अस्पताल से डिस्चार्ज मिल गया है.
Reduce Cholesterol: नसों में जमी वसा और गंदगी को बाहर कर देते हैं ये मसाले, बढ़ने लगेगा गुड कोलेस्ट्रॉल
जिम सप्लीमेंट्स के इस्तेमाल का युवाओं पर पड़ता है असर.
अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि मरीज को क्रिएटिन फॉस्फोकाइनेज जैसे मांसपेशियों के एंजाइमों के उच्च स्तर के साथ-साथ कई गंभीर चयापचय संबंधी गड़बड़ी का सामना करना पड़ा, जिससे मांसपेशियों के टिशू टूटने लगे थे. आगे की जांच से पता चला कि मरीज में कैल्शियम का स्तर कम था, जिस कारण उसकी स्थिति और खराब हो गई थी.
हाई कोलेस्ट्रॉल की दवा ले रहे आप? ये 6 संकेत दिखते ही तुरंत करें डॉक्टर से संपर्क
रोगी में जहरीले एन्सेफेलोपैथी पाया गया, जो विषाक्त एन्सेफेलोपैथी और रबडोमायोलिसिस के कारण मस्तिष्क की अक्षमता की विशेषता वाली स्थिति है. यह संभावित रूप से बेहद ही घातक स्थिति है, जिसके परिणामस्वरूप स्थायी अक्षमता भी हो सकती है.
Low Cholesterol Tips : ये पत्तियां रोज चबाना कर दें शुरू, नसों में जमी जिद्दी वसा पानी की तरह पिघल जाएगी
फिटनेस सप्लीमेंट स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करते हैं?
इस मामले में, डॉक्टरों ने कहा कि यह संभव है कि रोगी को महत्वपूर्ण मांसपेशियों के टूटने का सामना करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप कैल्शियम का स्तर कम हो गया. नतीजतन, यह आक्षेप और चेतना के नुकसान का कारण बन सकता है.
जिम सप्लीमेंट्स के अधिक उपयोग से होने वाली अन्य समस्या
-सिर दर्द
-चिंता
-छाती में दर्द
-हाई ब्लड प्रेशर
-ऐंठन
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.