डीएनए हिंदी: सन हेलो (Sun Halo) एक ऐसी घटना है जिसमें सूरज के चारों ओर एक गोलाकार छल्ला दिखाई देता है. ऐसा पहली बार हुआ है कि मंगल (Mars) ग्रह पर भी सन हेलो देखा गया है. मंगल ग्रह घूमने वाले Perseverance रोवर ने इसकी शानदार तस्वीरें ली हैं. धरती पर तो इस तरह की घटनाएं अक्सर देखी जाती रहती हैं लेकिन मंगल ग्रह के लिए यह घटना ऐतिहासिक मानी जा रही है.
कैसे बनता है Sun Halo?
धरती से दिखने वाला सन हेलो 22 डिग्री पर बनने वाली एक रिंग होता है. सूरज की रोशनी के प्रसार की वजह से ऐसा होता है. सूरज की रोशनी हवा में मौजूद बर्फ के क्रिस्टल से फैल जाती है. ये क्रिस्टल बादलों की ऊपरी सतह पर पाए जाते हैं. धरती पर ऐसी घटनाएं अक्सर होती हैं. वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया था कि मंगल ग्रह पर ऐसी घटनाएं हो सकती हैं लेकिन अभी तक ऐसी कोई घटना देने को नहीं मिली है.
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मंगल पर मौजूद रोवर ने खींची फोटो
यह घटना 15 दिसंबर 2021 को हुई थी. इसका पता Perseverance रोवर ने लगाया है और शानदार तस्वीरें खींची हैं. दरअसल, पृथ्वी और मंगल ग्रह के वातावरण में काफी अंतर है. मंगल के वातावरण में पानी की तुलना में कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा ज्यादा होती है. ऐसे में शुरुआत में वैज्ञानिक तय नहीं कर पा रहे थे कि यह सन हेलो ही है या कुछ.
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इन तस्वीरों की अच्छे से जांच-पड़ताल की गई तो समझ आया कि यह कैमरे की गड़बड़ी नहीं बल्कि सचमुच का सन हेलो ही है. सन हेलो के बारे में वैज्ञानिक यह भी बताते हैं कि भारत में इस तरह की घटनाएं काफी दुर्लभ हैं लेकिन ठंडे देशों में यह घटना बेहद सामान्य है. जब सूरज के आसपास नमी भरे बादल होते हैं और वह पानी क्रिस्टल की तरह काम करता है तब यह घटना होती है. यही वजह है कि ठंडे देशों में Sun Hello दिखना बेहद आम होता है.
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