Astrology Facts  : ग्रह गोचर क्या होता है, कैसे यह आपके जीवन पर डालता है प्रभाव?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 05, 2022, 04:16 PM IST

ग्रह गोचर

ग्रहों के गोचर के विषय में आपने सुना है पर इसका अर्थ नहीं जानते हैं तो यह आर्टिकल आपकी मदद कर सकता है.

 

डीएनए हिंदी : शनि गोचर(Shani Transit), सूर्य गोच(Sun Transit) सरीख़े शब्दों से आप अक्सर दो चार होते होंगे पर वे वास्तव में क्या होते हैं? आपको मालूम है? क्या होता है ग्रहों का गोचर?

गोचर ग्रहों से यह मतलब होता है कि वर्तमान में आसमान में ग्रह किन राशियों में भ्रमण कर रहे है. गोचर ग्रहों का अध्ययन जातक की चन्द्र राशि से किया जाता है. गोचर ग्रहों का जातक के वर्तमान जीवन में सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है.

ग्रहों के गोचर की अवधि

बता दें कि सभी ग्रहों के राशि परिवर्तन की अवधि अलग-अलग निर्धारित है. इसलिए सूर्य ग्रह कि गोचर अवधि 1 माह है, इसी प्रकार चंद्र ग्रह राशि परिवर्तन के लिए लगभग सवा दो दिन लेता है. मंगल ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए करीब डेढ़ माह का समय लेता है. बुध ग्रह 20  दिन और बृहस्पति ग्रह एक साल में गोचर(Planetary Transit) करते हैं. बात करें शुक्र ग्रह की तो यह लगभग 23 दिन का समय लेता है. सबसे प्रभावी ग्रह शनि ग्रह गोचर के लिए ढाई साल का समय लेता है और राहु-केतु एक से डेढ़ वर्ष मे राशि परिवर्तन करते हैं.

जानिए अस्त ग्रह के बारे में भी

किसी भी ग्रह के अस्त होने का अर्थ है कि वह ग्रह धरती से अब नहीं दिखाई देगा। जब भी कोई ग्रह अस्त होता है तो उसके शुभ प्रभावों में कमी आ जाती है और जब वह उदय होता है तो शुभ प्रभाव बढ़ जाते हैं.

(स्रोत : आचार्य डॉक्टर विक्रमादित्य)

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