डीएनए हिंदी: वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर अक्षय तृतीया ( Akshay Tritiya 2022 ) पर्व मनाया जाता है. अक्षय तृतीया के दिन पूजा-पाठ का खास महत्व है. इस वर्ष यह त्यौहार 3 मई 2022 मंगलवार को मनाया जाएगा. इस दिन माता लक्ष्मी ( Mata Lakshmi ) की पूजा का खास महत्व है. वैदिक शास्त्रों में अक्षय तृतीया के दिन आभूषण और सोना-चांदी खरीदने का भी प्रावधान वर्णित किया गया है. किंतु कुछ ऐसे भी अन्य क्रियाएं भी हैं जिन्हें करने से माता लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती है.
सूर्य देव के मंत्र ॐ नमो भगवते रामचंद्राय का जाप और चंद्र देवता के लिए ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का 108-108 बार जप करें.
इस दिन रामचरितमानस या भगवत गीता का पाठ करना अत्यंत लाभदायक होता है
माता गौरी की पूजा भी अत्यंत लाभदायक साबित होती है. इसके साथ 'सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके, शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते' का भी जाप करें.
स्नान करने के बाद अक्षय तृतीया के दिन सूर्य को जल डालने से अच्छे परिणाम मिलते हैं. इससे व्यक्ति सदा निरोगी रहता है और सूर्य देव की कृपा बनी रहती है. इस दिन गायत्री मंत्र का जाप करना बिल्कुल ना भूलें. गायत्री मंत्र के जाप से सूर्य भगवान अत्यंत प्रसन्न होते हैं.
शंकराचार्य के कनकधारा स्तोत्रम को इस दिन अवश्य सुनना चाहिए. साथ ही मन की इच्छा को और आकांक्षाओं को एक पन्ने पर लिखें और माता लक्ष्मी के सामने उसे अर्पित कर दें. इससे माता लक्ष्मी आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगी. स्नान के बाद माता लक्ष्मी की अवश्य पूजा करें.
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अक्षय तृतीया के दिन सामर्थ्य अनुसार दान अवश्य करें. साथ ही किसी प्यासे को भी जल पिलाने का काम करें, इससे पुण्य प्राप्त होता है. जल से संबंधित चीजों का जैसे घड़ा या पियाऊ का दान करने से अधिक लाभ मिलता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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